
वाराणसी : चितईपुर स्थित एक निजी अस्पताल पर तुर्कमेनिस्तान के नागरिक मुहम्मेतगुली अन्नागुलीयेव ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने उनके घायल हाथ की अंगुली की रोबोटिक सर्जरी के नाम पर 11.35 लाख रुपये की भारी-भरकम राशि वसूल ली, लेकिन न तो सर्जरी की गई और न ही किसी प्रकार का स्पष्ट बिल उपलब्ध कराया गया.
कथित धोखाधड़ी को लेकर पीड़ित ने पुलिस आयुक्त से शिकायत की है. फिलहाल मंडुवाडीह थाने की पुलिस मामले की जांच कर रही है.
20 हजार डालर अस्पाताल के नाम ट्रांसफर कराया
पीड़ित मुहम्मेतगुली अन्नागुलीयेव के अनुसार, 20 मार्च 2025 को सूर्या प्रकाश नारायण नामक व्यक्ति ने उनसे वॉट्सऐप के माध्यम से संपर्क किया और खुद को चितईपुर स्थित अस्पताल का प्रतिनिधि बताया. सूर्या ने पीड़ित को उनके बाएं हाथ की घायल अंगुली के लिए अत्याधुनिक "रोबोटिक सर्जरी" की पेशकश की. इस भरोसे पर अन्नागुलीयेव ने 20,000 अमेरिकी डॉलर अस्पताल के नाम पर ट्रांसफर कर दिए, जिसमें से 2,000 डॉलर यात्रा से संबंधित सेवाओं के लिए किए गए.
भारतीय वीजा प्राप्त करने के बाद अन्नागुलीयेव 29 मई 2025 को वाराणसी पहुंचे. लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उन्हें बताया गया कि अब उनकी अंगुली पर रोबोटिक सर्जरी संभव नहीं है. इसके स्थान पर कोई अन्य सामान्य सर्जरी कर दी गई; उन्होंने अस्पताल प्रशासन से बार-बार अनुरोध किया कि उन्हें उपचार और खर्च का अंतिम बिल दिया जाए, लेकिन कोई भी दस्तावेज उन्हें नहीं सौंपा गया.

पुलिस कर रही जांच
तुर्कमेनिस्तान लौटने के बाद अन्नागुलीयेव को पता चला कि अस्पताल प्रशासन ने बिना उनकी जानकारी और सहमति के कुल 6,35,400 रुपये सूर्या प्रकाश नारायण के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए और 5,00,000 रुपये नकद दिए गए. इसके अतिरिक्त 70,600 रुपये की टीडीएस राशि भी काटी गई. कुल मिलाकर 11.35 लाख रुपये की भारी-भरकम रकम उनसे वसूली गई, जिसकी पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं.

पीड़ित ने यह भी बताया कि सूर्या नारायण अब किसी भी बातचीत के लिए उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने वादा किया था कि शेष धनराशि 18 सितंबर 2025 तक लौटा दी जाएगी, लेकिन समय सीमा बीत जाने के बाद भी कोई भुगतान नहीं किया गया. ठगी का आभास होने पर अन्नागुलीयेव दोबारा वाराणसी आए, लेकिन सूर्या नारायण वहां नहीं मिले. इसके बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त से शिकायत की. फिलहाल मामले में पुलिस की जांच जारी है लेकिन अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.




