
वाराणसी - यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने प्रतिबंधित कफ सिरप के मास्टर माइंड के पार्टनर अमित सिंह टाटा को लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल आरोपित को पूर्व के दर्ज मामले में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दाखिल किया गया है. अग्रिम विधिक कार्यवाही एसटीएफ द्वारा की जाएगी. प्रतिबंधित कफ सिरप के नेक्सस को तोडने की दिशा में इसे एक बडी कामयाबी मानी जा रही है. जौनपुर के सुरेरी थानांतर्गत सिठूपुर का मूल निवासी अमित सिंह टाटा वाराणसी के वरुणा पार इलाके सिकरौल में अपना ठिकाना बनाए हुए था. उसके पास से लग्जरी फॉर्च्यूनर कार (UP-65 FN 9777), दो मोबाइल फोन, आधार कार्ड, 4500 रुपये नकद और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं.
पूछताछ में उगले राज

पूछताछ में अमित टाटा ने सनसनीखेज खुलासे किए. उसने कबूल किया कि वह वाराणसी के शुभम जायसवाल गैंग का सक्रिय सदस्य था. इस गैंग ने धनबाद (झारखंड) और बनारस में उसके नाम पर दो फर्जी फार्मा फर्में (देवकृपा मेडिकल एजेंसी और श्री मेडिकल) खोल रखी थीं. इन फर्जी कंपनियों के जरिए एबॉट कंपनी से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की फेंसीडिल कफ सिरप खरीदी गई. अधिकांश माल फर्जी बिल और ई-वे बिल बनाकर पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश के नशे के कारोबारियों को तस्करी कर बेचा जाता था. अमित को इस धंधे से अब तक 28-30 लाख रुपये का मुनाफा हुआ, जो नकद मिलता था और वह अपनी पत्नी साक्षी सिंह के खाते में जमा कर देता था.
मास्टर माइंड शुभम जायसवाल का नया पता दुबई

सबसे बड़ा खुलासा यह हुआ कि गैंग का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल पुत्र भोला प्रसाद जायसवाल (प्रहलाद घाट, वाराणसी) अपने पार्टनर्स वरुण सिंह, गौरव जायसवाल और पूरे परिवार के साथ कुछ महीने पहले दुबई भाग चुका है. वह वहीं से फेसटाइम के जरिए पूरे गैंग को निर्देश देता रहा है. अमित ने यह भी आरोप लगाया कि एबॉट कंपनी के कुछ अधिकारी इस अवैध कारोबार में शामिल थे और फर्जी फर्मों को भारी मात्रा में सिरप सप्लाई करते थे.
इससे पहले इसी गैंग के दो सदस्य विभोर राणा और विशाल सिंह को 12 नवंबर को सहारनपुर से, वहीं सौरभ त्यागी सहित कई लोगों को रांची और गाजियाबाद से गिरफ्तार किया जा चुका है. अमित टाटा पर हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और धमकी जैसे कई गंभीर मामले पहले से दर्ज हैं और वह वाराणसी-जौनपुर क्षेत्र में कुख्यात अपराधी माना जाता है.
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह के नेतृत्व में निरीक्षक अंजनी कुमार पाण्डेय, आदित्य कुमार सिंह और उनकी टीम ने यह सफलता हासिल की है. उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर एसटीएफ और खाद्य एवं औषधि विभाग की संयुक्त टीम कोडीन युक्त दवाओं की तस्करी पर लगातार सख्ती कर रही है.
वरुणा पार के रहने वाले ने बाहुबली से कराई थी शुभम की मुलाकात
जौनपुर के मूल निवासी और वरुणा पार क्षेत्र में ठिकाना बनाए अमित टाटा ने शुभम जायसवाल की मुलाकात पूर्वांचल के एक बाहुबली से कराई थी. कारोबार का एक चौथाई हिस्सा बाहुबली को शेयर करने के नाम पर सहमति बनी. शुभम जायसवाल के पीछे बाहुबली के विरोधी भी लगे हुए हैं.
लॉकडाउन से पहले मैदागिन पर सामान्य रूप से मेडिकल स्टोर का संचालन करने वाले शुभम जायसवाल को कोडीनयुक्त कफ सिरप के अवैध कारोबार की राह खाद्य एवं सुरक्षा औषधि प्रशासन वाराणसी के पूर्व सहायक आयुक्त ने दिखाई थी. मेरठ के सरधना निवासी कफ सिरप के मास्टरमाइंड आसिफ और वसीम से पूर्व सहायक आयुक्त ने ही लखनऊ में शुभम की मीटिंग कराई थी. शुभम के जरिये कफ सिरप की खेप उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, कोलकाता होते हुए बांग्लादेश और नेपाल तक पहुंचाई गई. पूर्वांचल के एक बाहुबली के कृपा पात्र सहायक आयुक्त के खिलाफ भी लखनऊ मुख्यालय से गोपनीय जांच शुरू हुई है. मेरठ के रहने वाले सहायक आयुक्त ने लखनऊ और वाराणसी में महंगी जमीन और फ्लैट तक बुक कराए हैं.




