
Azam Khan: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान आज मंगलवार को जेल से रिहा कर दिए गए हैं. 23 महीने से जेल में बंद सपा नेता आजम खान को लेने उनके दोनों बेटे अदीब और अब्दुल्ला अपने समर्थकों के साथ सीतापुर जेल पहुंचे थे. आदम खां के जेल से बाहर आते ही उन्होंने अपने समर्थकों का अभिवादन किया. पिता की रिहाई पर बेटे अदीब ने कहा- आज के हीरो आजम साहब हैं. उनकी रिहाई से पहले ही पुलिस टीम ने भारी सुरक्षा-व्यवस्था तैनात की थी, ताकि उनकी रिहाई के दौरान किसी तरह की चूक ना हो, इसके लिए ड्रोन के जरिए इलाके की निगरानी भी की जा रही थी.

दूसरी ओर जेल से निकाल कर बाहर आए आजम खान से मिलने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता काफी बेकरार दिखे, लेकिन पुलिस ने उनके इस मंसूबों पर पानी फेर दिया. जी हां, आजम खान से मिलने के लिए मुरादाबाद की सांसद रुचि वीरा और 200 से ज्यादा कार्यकर्ता सीतापुर जेल के बाहर पहुंचे थे. दूसरी ओर पुलिस ने धारा-144 का हवाला देकर सभी समर्थकों को जेल से दूर कर दिया.

विरोध करने पर पुलिस ने 25 कार्यकर्ताओं की गाड़ियों का चालान काट दिया. कहा कि ये सभी गाड़ियां नो पार्किंग जोन में खड़ी थी, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बाधित हो रही थी. इसलिए इस तरह की कार्रवाई की गई है. वहीं आजम खान को जेल से बाहर आता देख सपा नेता शिवपाल यादव ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने गलत सजा दी थी, लेकिन कोर्ट ने अपनी मेहरबानी दिखाते हुए इन मामलों में आजम को राहत दे दी है. इसलिए हम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं.
आपको बता दें, आजम खान की रिहाई आज सुबह 9 बजे होने वाली थी, लेकिन कुछ कागजी कार्रवाई के चलते उनकी रिहाई बीच में ही अटक गई. दरअसल, कागजी कार्रवाई ये थी कि आजम खान के खिलाफ रामपुर कोर्ट में चल रहे एक केस के सिलसिले में 6 हजार रुपए का जुर्माना लगा था, जिसे चुकाने की बजाय वो टाल-मटोल करते रहे. इसी जुर्माने को ना भरने के चलते कुछ समय के लिए उनकी रिहाई रोक दी गई.

हालांकि, रामपुर कोर्ट खुलते ही जुर्माने की रकम जमा कर इसकी जानकारी ईमेल के जरिए सीतापुर जेल विभाग को दी गई. इन सभी प्रक्रियाओं के बाद से आजम खान को जेल से रिहा कर दिया गया. आखिरकार सपा नेता आजम को काफी मशक्कत के बाद से सभी 72 मामलों में आज जाकर कोर्ट से जमानत मिल सकी है.

जानकारी के मुताबिक, आजम खान के खिलाफ 104 मुकदमे दर्ज हैं. इस रिहाई से पहले हाईकोर्ट ने 5 दिन पहले ही उन्हें बीयर बार पर कब्जे से जुड़े मुकदमे में जमानत दी थी. तभी पुलिस ने शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं जोड़ दीं. बीते 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन धाराओं को खारिज करते हुए आजम की रिहाई का रास्ता साफ कर दिया. आजम के खिलाफ ये आखिरी मुकदमा था जिस पर उन्हें जमानत मिली.




