
Durga Puja 2025: नवरात्रि के इस त्योहार ने देशभर में भक्ति-भाव का माहौल बना रखा है. जहां इस पावन पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ सभी राज्यों में मनाया जा रहा है. बांग्लादेश में नवरात्रि को भक्ति, रंग और उत्सव का प्रतीक माना गया है. हर साल मनाई जाने वाली ये भव्य दुर्गा पूजा, एक बार फिर से सांस्कृतिक चर्चा का केंद्र बन बैठी है. बांग्लादेश के लगभग 1.3 करोड़ हिंदूओं के लिए यह केवल एक धार्मिक अवसर नहीं, बल्कि सांस्कृतिक परंपरा की जीवंत अभिव्यक्ति है.

नवरात्रि में धूम-धाम से मनाया जा रहा नवरात्रि पर्व
आपको बता दें, बांग्लादेश में ढाका, सिलहट, राजशाही से लेकर चटगांव तक मां दुर्गा के भव्य पंडाल सजाए जा रहे हैं. साथ ही परिवार अनुष्ठानों और भोज की तैयारी भी बड़े ही धूम-धाम के साथ की जा रही हैं. ढाक, धूप और मंत्रों की ध्वनि से मां का पूरा पंडाल भक्ति-भाव से गूंज उठता है. ये पर्व एकता और सांस्कृतिक उत्सव का रंगारंग त्योहार है. नौ दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि पर लोग खूबसूरत पहनावे के साथ गरबा और डांडिया खेलते है. जो देशभर में काफी प्रचलित भी है.

नवरात्रि उत्सव के बीच बांग्लादेश में आफत
लेकिन इस साल का यह नवरात्रि चिंता का विषय सामने खड़ा कर दिया है, क्योंकि शेख हसीना की सरकार के पतन और सांप्रदायिक हिंसा की लहर के बाद से अल्पसंख्यकों में डर का माहौल बना हुआ है. बता दें, अल्पसंख्यकों को 2024 में हुए बांग्लादेश हिंसा आंदोलन का डर सताने लगा है. जिसमें बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज शेख हसीना को उग्र हुए आंदोलन के बीच सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, बांग्लादेश की सत्ता छोड़ने के बाद से नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया.

लेकिन इस बदलाव ने अल्पसंख्यकों के लिए एक खौफनाक अध्याय का नया दौर शुरू कर दिया. जो उनके गले की फांस बन बैठी. जिसका नतीजा बीते 5 अगस्त को अवामी लीग सरकार के पतन के बाद, अल्पसंख्यक समुदायों को केवल दो सप्ताह में 2,000 से अधिक हमलों का सामना करना पड़ा, जिनमें मंदिरों पर 69 हमले भी हुए थे. जबकि पांच हिंदुओं की हत्या कर दी गई, तो कई महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया. ये स्थित इतनी बद से बदतर हो गई कि बर्बरता और लूटपाट व्यापक स्तर पर तक हुई.




