Banaras: गणेश चतुर्थी का पावन पर्व नजदीक है और भक्तगण पूरी श्रद्धा से बप्पा के स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं. हर साल भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को यह त्योहार पूरे जोश और उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस बार गणेश चतुर्थी 27 अगस्त 2025, बुधवार को है. इस दिन घर-घर और मंदिरों में गणपति बप्पा की स्थापना की जाएगी. पूजा के लिए मध्याह्न काल का समय सबसे शुभ माना गया है. मान्यता है कि इस समय विधिपूर्वक पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, शांति और सौभाग्य का वास होता है. गणेश चतुर्थी केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आस्था और उत्सव का संगम है. बप्पा के आगमन से वातावरण भक्तिमय हो जाता है और 10 दिनों तक चलने वाला यह पर्व देशभर में मनाया जाता है.
गणेश उत्सव के बीच विघ्न हरता गणपति बप्पा का काशी नगरी में भी धूम-धाम के साथ स्वागत होने वाला है. आपको बता दें, बप्पा के स्वागत में काशी के लोग अपनी पलके बिछाए खड़े हैं. जहां काशी नगरी में स्थापित होने वाली गणेश जी की सबसे ऊंची प्रतिमा कोई मामूली नहीं, बल्कि 16 फीट की है जिसकी स्थापना भोले बाबा की नगरी में होने वाली है. बप्पा के इस विशाल स्वरूप का दर्शन करने के लिए काशी के भक्तगणों की उत्सुकता बढ़ती ही जा रही हैं.
बता दें, काशी नगरी में इस बार 40 से अधिक पूजा पंडाल सजेंगे. जहां 27 अगस्त से मराठी समाज आठ दिनों तक गणेश उत्सव के पर्व को ढ़ोल नगाड़ों के साथ मनाएगा. बनारस के कारखानों में 30 से अधिक गणेश जी की प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं. खोजवां स्थित मूर्ति कारखाने में 16 फीट की गणेश प्रतिमा बन रही है.
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इस प्रतिमा के मूर्तिकार अभिजीत विश्वास का दावा है कि यह प्रतिमा उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी प्रतिमा है. इसकी खासियत यह है कि इस गणेश प्रतिमा को बंशी बजाते और ऋद्धि गणेश जी का हाथ दबाते और सिद्धि उनकी आरती उतारने की मुद्रा में दर्शाया गया हैं. गणपति स्पोर्टिंग क्लब की ओर से यह प्रतिमा खोजवां स्थित पुस्तकालय के पंड़ाल में बैठाई जाएगी.