
वाराणसी – प्रख्यात शास्त्रीय गायक पद्मविभूषण पं. छन्नूलाल मिश्र की तेरहवीं को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है. उनके पुत्र व तबला वादक पं. रामकुमार मिश्रा पिता की तेरहवीं 14 अक्टूबर को दुर्गाकुंड स्थित हनुमान प्रसाद पोद्दार महाविद्यालय में करेंगे. वहीं, छोटी बेटी नम्रता मिश्र रोहनिया में तेरहवीं का आयोजन करेंगी. इससे काशी के प्रबुद्धजन, पं.छन्नूलाल के शिष्य, प्रियजन व संगीत जगत के लोग स्तब्ध हैं. पं. छन्नूलाल मिश्र का निधन दो अक्टूबर को हुआ था, उनका दसवां 11 अक्टूबर को तथा तेरहवीं 14 अक्टूबर को होना है. इस विवाद में पद्मविभूषण के पुत्र व मझली बेटी ममता मिश्र एक साथ हैं तो एक तरफ सबसे छोटी बहन डा. नम्रता है.

पंडितजी का निधन उनकी बेटी डा. नम्रता मिश्रा के ही आवास पर मीरजापुर में हुआ था. परिवार में विवाद तभी सामने आ गया था, जब कोविड काल में पंडितजी की पत्नी और एक बेटी के निधन के बाद से वह स्वयं बीमार रहने लगे थे. सुपुत्र पं. रामकुमार मिश्र बताते हैं कि वह ज्यादातर बाहर रहते हैं, ऐसे में उनकी देखभाल व सेवा के लिए तब उनके पुत्र यानी पं. छन्नूलाल के पौत्र पं. राहुल मिश्रा व उनके भांजे आदित्य उनके साथ थे. बाद में छोटी बेटी नम्रता उन्हें मीरजापुर ले गईं.

इसी बीच लगभग दो वर्ष पूर्व मझली बहन ममता ने संपत्ति के लिए छोटी बहन नम्रता पर मारपीट का भी आरोप लगाया था. आरोप था कि छोटी बहन नम्रता ने पिताजी द्वारा बनवाया गैबी स्थित उनके सपनों का घर बेच दिया है.

अंतिम संस्कार के बाद मात्र तीन दिनों में रामकुमार ने तेरहवीं का कार्यक्रम कर दिया. बताया ये गया कि पंडित जी की यह आख़िरी इच्छा थी, लेकिन मामला विवाद में उस वक्त आया जब बेटी नम्रता ने पिता छन्नूलाल का तेरहवीं करने का ऐलान किया और इसके लिए आमंत्रण पत्र बाटने शुरू कर दिए. ऐसे में त्रिरात्रि कर चुके बेटे ने भी अलग से तेरहवीं करने का एलान कर दिया. यानी छन्नूलाल मिश्र के त्रयोदशा का पूरा आयोजन दो स्थानों पर होगा.
इस पूरे मामले पर उनकी बेटी नम्रता ने बातचीत में बताया कि पिता जी का छोटी गैबी का आवास पहले ही रामकुमार के कारण बेंच दिया गया है. रामकुमार बेटे का फर्ज भूल गए और जबरदस्ती तीन दिनों में उनका अंतिम संस्कार कर दिल्ली वापस चले गए. जब मैंने अपने पिता का फर्ज पूरा करने का एलान किया और पिता जी के तेहरवीं का एलान करते हुए कार्ड बाटने शुरू कर दिया तो रामकुमार अब सामने आए हैं और वो भी तेहरवीं करने की बात करने लगे. इस पूरे आयोजन पर काशी का विद्वत समाज ने आपत्ति जाहिर की है , एक ही व्यक्ति का दो स्थानों पर तेरहवीं शास्त्र सम्मत नहीं है.




