
वाराणसी - मंडुआडीह थाने की मड़ौली पुलिस चौकी में गुरुवार को बड़ा बवाल हो गया. मिर्जापुर पुलिस लाइन में तैनात एक दारोगा के परिजनों ने चौकी के अंदर ही पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया. इस दौरान चौकी प्रभारी सहित चार पुलिसकर्मी चोटिल हो गए. मामला वीडीए द्वारा सील किए गए एक भवन को खोलने को लेकर हुआ विवाद बताया जा रहा है. पुलिस ने अलग अलग दो मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
वीडीए द्वारा सील भवन को लेकर विवाद
जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर के पुलिस लाइन में तैनात दारोगा मिथिलेश सिंह का घर मड़ौली इलाके में है. उनके मकान के सामने धर्मेंद्र सिंह का भवन है, जिसे तीसरी मंजिल निर्माण के चलते वीडीए ने शिकायत के बाद सील कर दिया था. इस बीच धर्मेंद्र सिंह ने स्वीकृति दिखाकर मकान का ताला खुलवाया, तो मिथिलेश सिंह और उनके परिवार ने विवाद शुरू कर दिया. विवाद बढ़ने पर सूचना चौकी मड़ौली में दी गई. चौकी प्रभारी देवेंद्र दुबे ने सिपाही दीपक कुमार और हेमंत ओझा को मौके पर भेजा. वहां पहुंचकर जब सिपाहियों ने देखा कि वीडीए की अनुमति के बाद ही ताला खोला गया है, तो वे लौट गए. इसी बीच दरोगा मिथिलेश सिंह, उनकी पत्नी किरन, बेटे आनंद और आशुतोष और बेटी अन्नू चौकी पहुंच गए और धर्मेंद्र सिंह के परिवार से झगड़ने लगे.
चौकी प्रभारी ने खुद को कमरे में किया बंद
चौकी प्रभारी ने जब बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो दरोगा के परिजनों ने चौकी में तोड़फोड़ कर दी और कुर्सी मेज पर पटक दी. रोकने पर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. किसी तरह चौकी प्रभारी ने खुद को कमरे में बंद कर जान बचाई. सूचना मिलते ही थाने से फोर्स पहुंची और सभी हमलावरों को काबू में लिया गया. सिपाही दीपक कुमार की तहरीर पर दरोगा मिथिलेश सिंह और उनके परिवार के खिलाफ दलित उत्पीड़न, बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, सरकारी कर्मचारी पर हमला और धमकी जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है. वहीं, दूसरी ओर धर्मेंद्र सिंह की तहरीर पर भी अलग मुकदमा दर्ज किया गया है.




