
Bihar Politics : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीते रविवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी. इसी सिलसिले में कांग्रेस नेता अभय दुबे ने बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानि(राजग) सरकार पर किसानों के हितों के खिलाफ काम करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस राज्य की मौजूदा सरकार न केवल किसानों की आजीविका छीन रही है, बल्कि योजनाओं के नाम पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम कर रही है.

हालांकि, किसान अपने कठिन परिश्रम करके देश को अन्न दे रहे हैं, लेकिन केंद्र और राज्य की राजग सरकारें उनके जीवन के अवसरों को खत्म करने में लगी हुई हैं. बड़े अफसोस की बात है जो किसान देश का पेट भरते हैं, आज उनकी भलाई के बारे में सोचने के बजाय वो खुद अपने पेट की चिंता कर रहे हैं. यहीं कारण है कि सरकार की नीतियां लगातार किसानों को कमजोर करने के साथ-साथ अन्नदाताओं को उनके लाभ से वंचित रख रही हैं.

कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में 2026-27 विपणन सत्र के लिए छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में की गई बढ़ोतरी पर भी सवाल उठाया. जहां उन्होंने बिहार सरकार पर कटाक्ष कर कहा कि एमएसपी तय करने की प्रक्रिया में राज्यों की भूमिका काफी अहम होती है. लेकिन, नीतीश कुमार ने तो अपने कार्यकाल को जिम्मेदारी समझने की बजाय उसकी धज्जियां उड़ा कर रख दी है. क्योंकि राज्य सरकार को उत्पादन लागत का मूल्यांकन कर उसका विश्लेषण केंद्र को भेजना चाहिए था, पर बिहार सीएम अपने इस फर्ज पर टाल-मटोल करने में लगे हुए हैं.
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इसके अलावा कांग्रेस नेता ने केंद्र की प्रधानमंत्री कुसुम योजना को लेकर भी बिहार सरकार की नाकामी गिनाई. और दावा किया कि 2019 में शुरू हुई पीएम कुसुम योजना के तहत बिहार की झोली में पिछले पांच सालों में एक भी रुपया नहीं आया है. आखिर क्यों इस तरह का रवैया बिहार में देखने को मिल रहा है. जब अन्य राज्यों में यह योजना लागू हो चुकी है तो फिर यहां क्यों नहीं. कहीं ऐसा तो नहीं कि बिहार सरकार अपने सत्ता की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल खेलने में लगी हुई है.
अभय दुबे ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को निजी कंपनियों के मुनाफे का माध्यम बताते हुए कहा कि इस योजना से किसानों को वास्तविक राहत नहीं मिल रही. ऐसे में उन्होंने आरोप लगाया कि बीमा कंपनियां प्रीमियम के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला करती हैं. इतना ही नहीं, जबकि किसानों को नुकसान होने पर उचित मुआवजा तक नहीं दिया जाता है. जिससे ये साफ जाहिर होता है कि, प्रधानमंत्री योजना का ये लाभ किसानों की जगह कंपनियों को मिल रहा है.

फिलहाल, बिहार सरकार की इन नाकामियों पर चिंता जताते हुए नेता दुबे ने सरकार से यह मांग की है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखकर उन्हें उनका हक जरूर दें. हालांकि, कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ हमेशा से ही खड़ी है और आने वाले चुनाव में हम किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ भी जनआंदोलन छेड़ेंगे.




