वाराणसीः जिला पंचायत वाराणसी में सड़क, खड़ंजा, नाली और अन्य निर्माण कार्यों से जुड़े करीब ₹24 करोड़ के 248 कार्यों की ई-टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप सामने आया है. इस संबंध में शिकायत IGRS पोर्टल पर दर्ज कराई गई है. साथ ही मंडलायुक्त को पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच की मांग की गई है.
ई-टेंडरिंग में गड़बड़ी का आरोप, 24 करोड़ के कार्यों पर उठे सवाल
शिकायतकर्ता रवि सिंह के अनुसार, ई-निविदा 6 अगस्त 2025 को शाम 5 बजे तक आमंत्रित की गई थी. इसमें जिला पंचायत, लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग के पंजीकृत ठेकेदारों को शामिल होने का अवसर दिया गया था. वहीं प्रक्रिया में विभागीय लापरवाही और पक्षपात के चलते कुछ प्रभावशाली ठेकेदारों को अनुचित लाभ मिला.
ई-टेंडर को मैन्युअल फॉर्म से दूषित करने का आरोप
शिकायत में कहा गया है कि ई-निविदा प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा नहीं किया गया. आरोप है कि टेंडर फार्म का मूल्य मैन्युअल रूप से (प्रपत्र-5 की रसीद के जरिए) काटा गया, जिससे पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता भंग हो गई. आरोप है कि ई-निविदा प्रक्रिया को ‘हाइजैक’ कर लिया गया और गोपनीयता का उल्लंघन हुआ.
कमिश्नर ने दिए जांच के आदेश
मामला संज्ञान में आने के बाद मंडलायुक्त ने जांच के आदेश देते हुए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) को निर्देशित किया है कि वह मामले की तह तक जाकर रिपोर्ट पेश करें.
जिला पंचायत अध्यक्ष का बयान
इस संबंध में पूनम मौर्या, जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि “ई-टेंडरिंग को लेकर की गई शिकायत संज्ञान में है. किसी भी प्रकार की अनियमितता की पुष्टि होने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. जिला पंचायत ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है.”
इस विवाद ने ठेकेदारों के बीच भी नाराजगी फैला दी है जिससे मामला अब चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है.शिकायतकर्ता ने मांग की है कि निविदा प्रक्रिया को तत्काल निरस्त कर पारदर्शी तरीके से दोबारा शुरू किया जाए.