
वाराणसी - मुस्लिम समाज छह दिसंबर को बाबरी ढांचा विध्वंस को लेकर विरोध जता रहा है. वाराणसी में भी शनिवार को बरसी को लेकर मुस्लिम समाज द्वारा दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन किया गया. हर वर्ष यह दिन कुछ क्षेत्रों में मुस्लिम लोगों के बीच बाबरी शहादत दिवस के रूप में मनाया जाता है. वहीं शिवसेना ने विजय दिवस मनाया और ज्ञानवापी मुक्ति का संकल्प लिया.
शहर में भी इस विरोध की स्पष्ट झलक देखने को मिली, जहां मुस्लिम बाहुल क्षेत्रों में दुकानों पर ताले लगे हुए थे. विशेष रूप से दालमंडी में सभी दुकानें बंद रहीं, और वहां की सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा मदनपुरा में कमोबेश यहीं स्थिति देखने को मिली. इस दिन को मुस्लिम समुदाय शहादत दिवस के रूप में मनाता है. इस दिन की महत्ता को देखते हुए वाराणसी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
सुरक्षा को लेकर पैदल मार्च, ड्रोन से निगरानी
पुलिस और आरआरएफ के जवानों ने संवेदनशील इलाकों में फुटमार्च निकाला. लगभग 100 से अधिक पुलिसकर्मियों और जवानों ने काशी विश्वनाथ मंदिर, मदनपुरा, गोदौलिया और दालमंडी क्षेत्र में पैदल मार्च किया. इन सभी संवेदनशील क्षेत्रों पर ड्रोन के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है. ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके.
बाबरी ढांचे का विध्वंस 1992 में हुआ था, जिसके बाद से यह दिन उनके लिए एक महत्वपूर्ण स्मृति बन गया है. इस दिन को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से विरोध प्रकट करते हैं, जिसमें दुकानों का बंद रहना भी शामिल है. सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन की तत्परता भी क्षेत्र में दिखी और सुबह से ही बाजार में पुलिस बल ने मार्च कर सुरक्षा और शांति पुख्ता की. सभी संवेदनशील पॉइंट्स पर चेकिंग और निगरानी बढ़ाई गई है.
शिवसेना ने मनाया विजय दिवस
शिवसेना के अजय चौबे ने बताया कि आज हम लोग विजय दिवस मना रहे हैं. इस विजय दिवस में, जो लोग अपने प्राणों की आहुति दिए थे, उनके लिए श्रद्धांजलि दी गई है. जो लोग पंश्चिम बंगाल में में बाबरी मस्जिद बनाने का सपना देख रखे हैं उन्हें मूँहतोड़ जवाब हम शिवसैनिक देना चाहेंगे. एक भी ईंट रखी गई तो शिवसैनिक उस नींव और सोच को भी उखाड़ने का काम करेंगे. उसी संकल्प के साथ आज हम लोगों ने ज्ञानवापी मुक्ति का भी संकल्प लिया गया है.
आज महावीर मंदिर, वेराणासालय में हमारी बहनें और हमारी भवानी सेना के लोगों ने सुंदरकांड का पाठ किया और संकल्प के साथ, मजबूती के साथ ज्ञानवापी मुक्त हो, उसके लिए हवन और उसके लिए पाठ भी और उसके लिए मंत्रों का उच्चारण भी लगातार ब्राह्मणों द्वारा, गुरुजी के द्वारा चला जा रहा है और ये चलता रहेगा.




