
वाराणसी - बनारस हिन्दू विश्वविद्यलय के ट्रामा सेंटर में आने वाले मरीजों और तीमारदारों के लिए सहूलियत भरी खबर है. अब उन्हें ओपीडी का पर्चा बनवाने और जांच की फीस जमा करने के लिए लाइन नहीं लगानी पड़ेगी. मरीज और तिमारदार अब क्यूआर कोड के माध्यम से अपनी जांच की फीस जमा कर सकेंगे और पर्चा बनवा सकेंगे. कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने ट्रामा सेंटर में डिजिटल सेवाओं का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने ट्रामा सेंटर में ओपीडी,इमरजेंसी, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, पैथलाजी, सहित अन्य सुविधाओं का भी जायजा लिया. इसके साथ ही वार्ड में भर्ती मरीजों के जांच इलाज के बारे में भी जानकारी ली.
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वेंडिंग मशीन उद्घाटित
इसके आलावा कुलपति ने ऑटोमेटिक वेंडिंग मशीन का भी उद्घाटन किया जिसके माध्यम से मरीज और तिमारदारों को पेय पदार्थ और कुछ खाने के सामान भी क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान करके मिल जाएगा. कुलपति प्रोफेसर अजीत चतुर्वेदी ने ट्रामा सेंटर में मरीज और तीमारदारों को मिलने वाली सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की पहल से मरीज और उनके साथ रहने वालों को भी बड़ी सहूलियत होगी.
कुलपति ने आने वाले दिनों में ट्रामा सेंटर को और भी बेहतर सुदृढ़ बनाने की बात कही. इस दौरान आईएमएस के निदेशक प्रोफेसर एसएन संखवार, मेडिसिन फैकल्टी के डीन प्रोफेसर संजय गुप्ता, क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के अध्यक्ष प्रोफेसर आर पी मौर्या, प्रोफेसर अनूप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे.
डिजिटल इण्डिया मिशन को मिल रहा बढ़ावा
ट्रामा सेंटर के इंचार्ज प्रोफेसर सौरभ सिंह ने बताया कि पहले जहां मरीजों को ओपीडी में पर्चा लेने के लिए लाइन लगानी पड़ती थी. वहीं अब डिजिटल प्रणाली के होने से मरीज खुद ही अपना पर्चा ले सकेंगे. साथ ही क्यूआर कोड के माध्यम से विभिन्न तरीके की जांच की फीस भी जमा हो सकेगी. इसके लिए मरीज को किसी लाइन में लगने की जरूरत नहीं है.
बताया कि अधिक से अधिक मरीजों और तीमारदारों को क्यू आर कोड के बारे में जानकारी हो सके इसके लिए जगह-जगह उसको लगवा दिया गया हैँ. जिन लोगों को इससे भुगतान करने में थोड़ी बहुत समस्या हो रही है उनको ट्रामा सेंटर के स्टाफ के माध्यम से इस बारे में जानकारी दी जा रही है.




