
वाराणसीः सपा प्रमुख अखिलेश यादव के दीपोत्सव वाले बयान पर कि दीपावली पर दीये व मोमबत्ती जलाकर उसका हिसाब बनाना बेकार है. क्रिमस त्योहार से हमे सीकना चाहिए. ईसाइयों के इस प्रमुख त्यौहार पर पूरे माह जगमग रौशनी हर की जाती है जो कई दिनों तक चलती है.पूरा शहर रौशनी से खिल उठता है को लेकर भाजरा के जिलाध्यक्ष व एमएलसी भाजपा नेता ने जुबानी हमला बोला. पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव का राहुल गांधी से गठबंधन के बाद राहुल की मां सोनियां गांधी ईसाई धर्म से आती उन्हीं का छाप अखिलेश पर आ रहा है. वहीं अखिलेश के पास चुनाव की आहट को देखते हुए कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वे ऐसे बयान देते हैं. उन्हें पहले अपने गिरेहबान में झांक लेना चाहिए.
क्यों जाते हैं अखिलेश साधु-संतों के पास

भाजपा एमएलसी ने सवाल उठाया कि अखिलेश के दिल में अगर सनानत को लेकर इतनी ही एलर्जी है तो वो क्यों साधु-संतों के पास जाते हैं. अखिलेश मंदिर जाना छोड़ दे और बोल दें कि वो सनातनी धर्म को नहीं मानते हैं. दीपोत्सव हमारा आस्था का विषय है, इससे कुम्हार समाज को रोजगार मिलता है. दीपावली पर दिया जलाना हमारी सनातनी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है. आज लाइट बत्ती आ गई तो उसकी भी उपयोग लोग कर रहे हैं, तो इसमें बुराई क्या है.




