
वाराणसी: उत्तर की ओर से चली बर्फीली हवाओं ने वाराणसी में ठंड बढा दी है. कोहरे का भी प्रकोप देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही तापमान का ग्राफ भी गिरने लगा है. आर्द्रता घटने लगी और शुष्क हवाओं ने सर्दी बढ़ा दी. रविवार की आधी रात होने के पहले से ही कोहरे ने अपनी चादर फैलानी शुरू कर दी और सुबह के आठ बजे तक दृश्यता 500 मीटर तक पहुंच गई थी.
इससे सड़कों पर वाहनों की रफ्तार पर भी असर पडा. लोगों के शरीर पर ऊनी कपड़े थोड़े और मोटे हो गए. मौसम विज्ञानियों का मानना है कि अगले दो-तीन दिनों में तापमान में दो-तीन° सेल्सियस तक की गिरावट आएगी. मौसम के इस परिवर्तन काल में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के लखनऊ स्थित आंचलिक कार्यालय के अनुसार प्रदेश में अभी तक कोई मौसम तंत्र सक्रिय नहीं है, हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में बर्फबारी हो रही है.
अब हवा की दिशा घूम गई है और उत्तर-पश्चिम से आने वाली हवा हिमालयी बर्फबारी के प्रभाव को अपने साथ समेटे इधर पहुंचने लगी है. पछुआ हवा का हल्का प्रभाव जब बनारस की ओर पहुंचा तो कोहरे का प्रभाव बढ़ गया. धूप खिली लेकिन हवा के प्रभाव से नरम ही बनी रही.
पिछले पांच दिनो से जारी तापमान की बढ़त पर रविवार को ब्रेक लग गया. हालांकि गिरावट मामूली ही दर्ज की गई. बाबतपुर क्षेत्र में अधिकतम तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस घटकर सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस नीचे 27.6 डिग्री पर आ गया जबकि न्यूनतम तापमान में 0.2 डिग्री सेल्सियस की मामूली वृद्धि ने उसे सामान्य से 0.8 डिग्री सेल्सियस ऊपर 13.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा दिया.
इधर बीएचयू क्षेत्र में हालांकि तापमान अभी लगभग अप्रभावित रहा और यह 0.2 बढ़कर सामान्य से एक डिग्री नीचे 28.1 पर रहा. न्यूनतम तापमान में भी 0.2 डिग्री की ही वृद्धि हुई और यह सामान्य से 2.2 डिग्री अधिक 14.7 डिग्री सेल्सियस रहा. पछुआ हवा के प्रभाव से आर्द्रता भी कम होना शुरू हो गई है. बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पछुआ का प्रभाव अब सोमवार से दिखने लगेगा और तापमान में धीरे-धीरे कमी का दौर आरंभ होगा. यह स्थिति पूरे सप्ताह बनी रह सकती है.

ट्रेनों के संचालन पर भी असर
उत्तर भारत में फैली कोहरे की चादर से ट्रेनों की रफ्तार पर असर दिखने लगा है. रविवार को कैंट स्टेशन से गुजरने वाली चंडीगढ़-धनबाद एसी स्पेशल सर्वाधिक नौ घंटे तक विलंबित रही. देहरादून- हावड़ा उपासना एक्सप्रेस 8.30 घंटे और दादर सेंट्रल-गोरखपुर स्पेशल का आठ घंटे विलंबित रही. बलसाड-मुजफ्फरपुर श्रमिक एक्सप्रेस छह घंटे, मुम्बई-एलटीटी बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस 5.30 घंटे, नाहरलागुन-हापा स्पेशल पांच घंटे व पटना साहेब-आनंदपुर साहिब चार घंटे की देरी से पहुंची. हावड़ा- देहरादून कुम्भ एक्सप्रेस तीन घंटे, थावे-सूरत ताप्ती-गंगा एक्सप्रेस तीन घंटे, राजगीर-नई दिल्ली श्रमजीवी एक्सप्रेस 3.20 घंटे, अमृतसर-हावड़ा पंजाब मेल और नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस 2-2 घंटे तक विलंबित रही.




