
वाराणसीः अपनी 11 सूत्रीय मांगों के समर्थन में महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ के छात्र-छात्राओं ने मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए गुरुवार को जहां पूरे परिसर में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया वहीं विज्ञान संकाय परिसर में धरना दिया. चार घंटे तक चले शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कुलपति, कुलसचिव डॉ. सुनीता पाण्डेय, कुलानुशासक प्रो. केके. सिंह, सहायक कुलसचिव आनंद सिंह, अरिंदम श्रीवास्तव एवं संकाय अध्यक्ष डॉ. अखिलेश यादव सहित अन्य अधिकारियों ने 15 दिनों के भीतर समस्याओं के समाधान का आश्वासन देकर समाप्त कराया. इसके पूर्व छात्रों ने संकाय के मुख्य द्वार पर प्रतीकात्मक ताला लगाकर प्रशासन से तत्काल वार्ता की मांग की थी.
इसलिए बिफरे थे छात्र, रखी मांग

इसके पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पद के प्रत्याशी आशुतोष तिवारी “हर्षित” के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने विज्ञान संकाय की मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए बैठक की और फिर प्रदर्शन करते हुए परिसर में चक्रमण किया.
छात्रों द्वारा कहा गया कि यह आंदोलन किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं, बल्कि सभी छात्रों के शैक्षणिक और बुनियादी अधिकारों के लिए है. उन्होंने मांग उठाई कि BCA छात्रों को केवल ट्रेनिंग नहीं बल्कि वास्तविक प्लेसमेंट सुविधा दी जाए, B.Sc. गणित के छात्रों से प्रैक्टिकल न होने पर ₹500 अतिरिक्त शुल्क न लिया जाए. कक्षाओं की संख्या बढ़ाई जाए ताकि नियमित पठन-पाठन हो सके. BCA एवं MCA छात्रों के लिए पुस्तकालय में विशेष अध्ययन सुविधा प्रदान की जाए. कंप्यूटर लैब में कम से कम 100 कंप्यूटरों की व्यवस्था की जाए.

इंटर्नशिप एवं कैंपस प्लेसमेंट के लिए नामी कंपनियों को आमंत्रित किया जाए, गर्ल्स कॉमन रूम को छात्राओं के लिए नियमित रूप से आरक्षित किया जाए. स्मार्ट क्लास व आधुनिक शिक्षण संसाधन की व्यवस्था की जाए. सफाई, वॉशरूम, पंखे, वॉटर कूलर व बेंचों की मरम्मत तत्काल कराई जाए. SC छात्रों से केवल ₹205 शुल्क ही लिया जाए एवं आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को किस्तों में फीस जमा करने की सुविधा दी जाए. इसके अलावा भूगोल प्रयोगशाला में अतिरिक्त कुर्सियां व सीटें उपलब्ध कराई जाएं.

क्या कहा छात्र नेता संग प्रशासन ने
इस मौके पर छात्र नेता आशुतोष तिवारी “हर्षित” ने कहा कि “चाहे छात्र SC, ST, OBC, General, हिन्दू, मुस्लिम, सिख या ईसाई समुदाय से हों, अगर उन्हें कोई समस्या होगी तो वे हमेशा उनके अधिकारों की लड़ाई संकाय और विश्वविद्यालय स्तर पर लड़ते रहेंगे. दूसरी ओर प्रशासन द्वारा आश्वासन के साथ देश दिया गया प्रत्येक संकाय में सुपरवाइज़र का संपर्क नंबर दीवार पर अंकित किया जाएगा, ताकि छात्र किसी भी शिकायत पर सीधे कॉल कर सकें और 30 मिनट के भीतर सफाईकर्मी मौके पर पहुंचे. इस अवसर पर प्रमुख रूप से निखिल सोनकर, सुजल पांडेय, प्रफुलित मिश्रा, निखिल चौबे, विशाल चौबे, करन सिंह, अभिषेक दूबे, आकाश सिंह, सुमित प्रजापति, मोहित राय, अभिषेक कुमार, उज्ज्वल सिंह, अंश शुक्ला, आदित्य सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.




