
वाराणसी : राजातालाब क्षेत्र के महगांव निवासी मंगला प्रसाद के साथ जालसाजी और दबाव बनाकर धोखाधड़ी से ज़मीन बैनामा कराने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. विकलांग और मंदबुद्धि होने का लाभ उठाकर गांव के कोटेदार मुन्ना लाल और उसके बेटे ने साथियों के साथ मिलकर जमीन हड़पने और खाते से लाखों रुपये निकालने की साजिश रची. इस मामले में डीसीपी के आदेश पर सात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. मंगला प्रसाद का आरोप है कि कोटेदार ने उन्हें लालच दिया कि धान का पैसा खाते में आएगा, इसलिए आधार कार्ड देकर बैंक खाता खुलवाना होगा. इस बहाने कोटेदार का बेटा उन्हें और उनके बेटे को बैंक ले गया. वहां उनके नाम पर संयुक्तं खाता खुलवाया गया. खाता खुलने के बाद चेकबुक और पासबुक अपने पास रख लिए. साथ ही सात चेक पर उनके बेटे से हस्ताक्षर भी कराए गए.
खेत जोतने पहुंचने पर खुली पोल
तहरीर के मुताबिक बीते 16 अगस्त को आंख के ऑपरेशन का बहाना बनाकर आरोपितों ने उन्हें कार में जबरन बैठाया और गंगापुर ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया. वहीं दबाव डालकर अंगूठा लगवाया गया और उसके जमीन की रजिस्ट्री शारदा देवी के नाम कर दी गई. कुछ दिन बाद जब आरोपी पक्ष ट्रैक्टर लेकर खेत जोतने पहुंचे तो मंगला प्रसाद की महिलाओ ने विरोध किया. इस पर उन्होंने रजिस्ट्री के कागज दिखाई, जिसमें जमीन के बदले 40 लाख और 70 लाख रुपये उनके खाते में ट्रांसफर किए जाने का उल्लेख था. जब मंगला प्रसाद ने बैंक से ट्रांजैक्शन हिस्ट्री निकलवाई तो मामला खुला. खाते में 70 लाख रुपये जरूर आए थे, लेकिन कोटेदार के पुत्र धर्मवीर यादव ने जो चेक पहले से ले रखा था उसी से पूरा पैसा निकाल लिया गया. इस निकासी में हस्ताक्षर भी कूट रचित थे. खाते मे और रुपये आए थे, उसे भी धर्मवीर ने निकाल लिया था.





