
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में जनता को संबोधित किया. 127वे एपिसोड में पीएम मोदी ने छठ पर्व की देशवासियों को बधाई दी. अपने कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 नवंबर को वंदे मातरम् के 150 साल पूरे होने पर देशवासियों से इसके मूल्यों को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने की अपील की. क्योंकि, उनका कहना है कि राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ भारत की जीवंत और भव्य स्वरूप को दर्शाता है. ऐसे में इस गीत के 150वें वर्ष को यादगार बनाएं.

अपने मासिक ‘मन की बात रेडियो’ संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि. बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित और रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा 1896 छियानबे में पहली बार गाए गए राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा BSF-CRPF में स्वदेशी कुत्तों की शानदार भूमिका और उनके शौर्य की सराहना कर सांस्कृतिक और आर्थिक पहलों को बढ़ावा देने की खूब तारीफ की है. इस एपिसोड की खास बात तो यह रही कि, AI तकनीक की मदद से करीब 11 भारतीय भाषाओं में मन की बात को सुनाया गया. जिनमें- मलयालम, तेलुगू, अंग्रेजी, गुजराती, बंगाली, तमिल, मराठी, असमिया, उड़िया जैसी भाषा शामिल है. इस स्मार्ट तकनीक की सहायता से देशभर के लाखों लोगों को एक समय में ही मन की बात कार्यक्रम का संदेश सुनने का मौका मिल सका.

इसमें उस आधुनिक भारत की झलक देखने को मिली, जो आने वाले समय में AI की मदद से दुनिया को लीड कर सकता है. ये वहीं एआई है जिससे भारत सरकार ने कुछ सालों में कई आधुनिक क्षेत्रों में अपना निवेश बढ़ाने का काम किया है. क्योंकि भारत को चीन और पश्चिमी देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लायक बनाया है. एआई एक ऐसी टेक्टनिक है जिसने कठिन से कठिन काम को आसान बनाने में मदद की है. AI यानी कि (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक मशीनों और कंप्यूटरों को इंसानों की तरह सोचने, सीखने से लेकर निर्णय लेने में भी काफी सक्षम है. आपको बता दें, पीएम मोदी ने अपने 30 मिनट के संबोधन में देश के कई भागों में नागरिकों द्वारा की गई कई अनूठी पहलों का उल्लेख किया.
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में एक बड़ा बयान देते हुए कहा हमारे देशी श्वान ने भी अद्भुत साहस का परिचय दिया है. पिछले साल, छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित इलाके में गश्त के दौरान सीआरपीएफ के एक देसी श्वान ने 8 किलोग्राम विस्फोटक का पता लगाया था’, इसी के आगे उन्होंने बताया कि, बीएसएफ और सीआरपीएफ ने रामपुर हाउंड, मुधोल हाउंड, मोंगरेल्स, कोम्बाई और पांडिकोना जैसी भारतीय नस्ल के कुत्तों को अपने श्वान दस्तों में शामिल किया है और इनमें से कुछ 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में गुजरात के एकता नगर में आयोजित परेड में भाग भी लेने वाले हैं.




