
वाराणसीः वरुणापुल से नदेसर मार्ग पर स्थापित श्रीश्री वरुणापुल दुर्गा पूजा समिति का पंडाल अपनी कुछ खासियत के लिए जनपद में मशहूर है. यहां स्थापित किए जाने वाले पांडाल की शुरुआत आज से 51 साल पहले 1974 में कटिंग मेमोरियल इंटर कालेज में पढ़ने वाले एक इसाई युवक ने अपने कुछ छात्र साथियों के साथ की थी. पूजा का क्रम लगातार अभी तक उसी स्थान पर आज भी कराया जा रहा है. वहीं दूसरी खास बात यह है कि यहां स्थापित किए जाने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा की आंखों से अष्टमी के दिन आंसू निकलते हैं जिसके साक्षी श्रद्धालु बनते हैं.
मां की पूजा अर्चन कर श्रद्धालु हुए धन्य
इसी क्रम में मंगलवार को अष्टमी के दिन मां की आंखों से आंसू निकलता देख जहां श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे वहीं देवी स्वरूप प्रतिमा का पूजा अर्चन कर उन्होंने अपने को धन्य किया. इस दौरान ढोल नगाडों के बीच कोलकाता से आए पुजारी ने मां की पूजा कर लोगों को उनका दर्शन कराया. भक्तों ने मां को चुनरी, फल फूल अर्पित कर मन्नतें मांगी. समिति के अध्यक्ष महेंद्र वर्मा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष सोमनाथ विश्वकर्मा ने बताया कि पंडाल में गंगा जमुनी तहजीब भी देखने को मिलती है.




