
वाराणसी : गंगा घाट और लहरें काशी दर्शन के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं और सैलानियों को सदैव से आकर्षित करते रहे हैं जहां, उन्हे प्राचीन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का अवसर मिलता है. इन सभी आगंतुकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ वाराणसी के बचाव कार्मिक दिन–रात इन घाटों पर तैनात रहते हैं और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल प्रतिक्रिया कर संकटग्रस्त जीवन की सुरक्षा करते हैं.

ऐसी ही एक घटना बुधवार को देखने को मिली जब ललिता घाट के सामने 20 सैलानियों को ले जा रही मोटर चलित नाव तकनीकी खराबी के चलते गंगा की तेज धारा के मध्य फँस कर अनियंत्रित हो गई. नाव में सवार सभी सैलानी जो देश के अलग अलग स्थानों से काशी आये हुए थे, अपने जीवन को संकट में देख हाथ हिलाकर और शोर मचाकर कर मदद की गुहार लगाने लगे. उसी समय गंगा नदी में गस्त लगा रहे एनडीआरएफ बचाव कार्मिकों ने उन फंसे हुए लोगों के जीवन को संकट में देख, तत्काल प्रतिक्रिया करते हुए अपनी नावों को उनके पास ले गए और उन सभी फंसे हुए 20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकल कर ललिता घाट पर पहुंचाया. एनडीआरएफ बचाव कार्मिकों द्वारा किए गए इस त्वरित और दक्षतापूर्ण बचाव कार्य को ललिता घाट तथा अन्य घाटों पर उपस्थित सभी लोगों ने देखा और इसकी सराहना की. घटना में जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई.

नावों के पंजीकरण व संचालन के बदलेंगे नियम

वाराणसी के सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी ने बताया कि गंगा में संचालित नावों को वाराणसी जल पुलिस द्वारा नियंत्रित किया जाता है तथा जनपद में संचालित नावों का पंजीयन व सीएनजी संचालन संबंधी कार्य नगर निगम द्वारा पूर्व में किया जाता था. उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 2023 के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन कर दिया गया है. वर्तमान समय से नगर निगम द्वारा नावों को नये लाईसेंस जारी नहीं किये जा रहे हैं. नावों के पंजीकरण व संचालन सम्बन्धी कार्य के लिए भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा पोर्टल का निर्माण किया जा रहा है तथा शीघ्र ही इस पोर्टल के माध्यम से पंजीयन आदि कार्य प्रारम्भ किया जायेगा.




