
वाराणसी - प्रतिबंधित मांझा गले में फंसने से युवक की हुई मौत के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. मृतक की मां की ओर से इस संबंध मेंं याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए 26 नवंबर को एनजीटी ने राज्य सरकार, वाराणसी के जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त को मुआवजे के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में शपथपत्र देने का आदेश दिया.
इस पर सरकार के अधिवक्ता ने चार सप्ताह का समय मांगा, अधिकरण ने समय देते हुए 18 फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. याचिकार्ता मां श्यामलता देवी का कहना था कि बीते वर्ष 31 दिसंबर को वह अपने 24 वर्षीय बेटे विवेक शर्मा के साथ बाइक से जा रही थीं कि अचानक बेटे के गले में प्रतिबंधित माझा फंस जाने से उसकी गर्दन कट गई. उपचार के लिए ट्रामा सेंटर बीएचयू ले जाया गया लेकिन बेटे ने दम तोड़ दिया. इसके लिए श्यामलता देवी ने सरकार और पुलिस कि नीतियों को जिम्मेदार बताते हुए अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से एनजीटी के समक्ष याचिका दायर करते हुए प्रतिबंधित मांझे की बिक्री, खरीद, उपयोग एवं भंडारण पर लागू प्रतिबंध को प्रभावी बनाने की अपील करते हुए सरकार से मुआवजे कि मांग की थी.
राष्ट्रीय हरित अधिकरण की प्रधान पीठ नई दिल्ली के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव एवं विशेषज्ञ सदस्य डा. ए. सेंथिल वेल की दो सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सौरभ तिवारी को सुनकर मुआवजे के भुगतान के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी देने आदेश दिया.
पतंगों की अवैध उडानों पर लगेगी रोक
पुलिस आयुक्त की तरफ से एसीपी ने दिया शपथपत्र : वाराणसी पुलिस आयुक्त की तरफ से सहायक पुलिस आयुक्त, यातायात ने अधिकरण के समक्ष शपथ पत्र देकर प्रतिबंधित मांझे की बिक्री व उपयोग पर रोक लगाने के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी दी. बताया कि तीन व्यक्तियों के खिलाफ चाइनीज मांझे की बिक्री व भंडारण को लेकर मुकदमा दायर किया गया तथा तीनों के गिरफ्तारी के साथ इनके विरुद्ध चार्जशीट भी दाखिल किया गया है. सुनवाई के दौरान पुलिस आयुक्त के अधिवक्ता ने बताया कि जिस चाइनीज मांझे से याचिकाकर्ता के पुत्र की मौत हुई थी, उसके उपयोगकर्ताओं को नहीं खोजा जा सका.
प्रतिबंधित माझा पर एनजीटी सख्त : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी दिया शपथपत्र केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी शपथ पत्र दिया. बताया कि प्रतिबंधित मांझे की खरीदारी, उपयोग, बिक्री एवं भंडारण पर लगे प्रतिबंध को प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से उठाए गए कदमों का ब्यौरा मांगा गया है जिसमें 22 राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का जवाब आ गया है, अन्य का जवाब आना बाकी है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नें पुनः प्रतिबंधित मांझे के प्रतिबंध की वस्तुस्थिति को लेकर रिपोर्ट दायर करने के लिए समय मांगा है.




