वाराणसी : हरिश्चंद्र घाट पर गुरुवार से बाबा कीनाराम का 426वां जयंती समारोह शुरू हो गया है. इस दो दिवसीय आयोजन में देश के साथ-साथ 20 देशों से आए 100 से अधिक अघोर पीठ के अनुयायी शामिल होंगे. समारोह में बाबा कीनाराम और भगवान शिव का पूजन 36 प्रकार की औषधियों, 64 तरह के अन्न और 11 प्रकार के तरल पदार्थों से किया जाएगा. साथ ही "एक शाम महाकाल के नाम" शीर्षक से संगीत संध्या भी होगी, जिसमें देशभर के शास्त्रीय, उपशास्त्रीय और लोक कलाकार प्रस्तुति देंगे.
श्मशान पीठ की विशेष पूजा
अघोर पीठ के पीठाधीश्वर अवधूत उग्र चंडेश्वर कपाली (कपाली बाबा) ने बताया कि जयंती पर वैदिक और तांत्रिक विधि से सात्त्विक, राजसिक और तामसिक पूजा होगी. पहले दिन गुरुवार रात 11 बजे से श्मशान पीठ और योगिनी चक्र की विशेष पूजा होगी तथा आनंद भैरव और आनंद भैरवी की स्थापना की जाएगी. शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से बाबा कीनाराम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें एकदश महारुद्र के विभिन्न रूपों का पूजन किया जाएगा.
संगीत संध्या का आयोजन चेतसिंह किला परिसर में होगा. इसमें अरविंद सिंह और भजन गायक राजन तिवारी के संयोजन में प्रभुनाथ राय (दाढ़ी), निर्गुण सम्राट मदन राय, बलवंत सिंह, पुनीत पागल बाबा, महेंद्र प्रसन्ना सहित देशभर से आए कलाकार प्रस्तुतियां देंगे.
बाली (इंडोनेशिया) में बन रहा अघोरपीठ
कपाली बाबा ने बताया कि इंडोनेशिया के बाली शहर में अघोरपीठ का निर्माण कार्य चल रहा है.मार्कंडेय ऋषि ने प्राचीन काल में यहां अघोरपीठ की खोज की थी, जो अब जीर्णोद्धार के बाद पुनः जीवंत हो रहा है. वहां के अनुयायी पहली बार इस अवसर पर काशी पहुंचे हैं.