
Bareilly Violence: यूपी के बरेली में हुई हिंसा को लेकर अब यूपी की राजनीति गर्मा उठी है. आज शनिवार को समाजवादी पार्टी का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाना था. लेकिन सपा के प्रतिनिधिमंडल को बरेली पहुंचने से पहले ही प्रशासन ने उन्हें बीच रास्ते में रोक लिया. सपा डेलीगेशन को रोके जाने से आक्रोशित हुई शिवसेना यानी (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि "जिस तरह से यूपी सरकार डरी हुई और घबराई हुई है और मनमाने ढंग से काम कर रही है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. वे चुने हुए प्रतिनिधि हैं. ये वहीं लोग है जो यूपी की जनता द्वारा चुनकर यूपी की सत्ता पर राज कर रहे है जो उनका नेतृत्व करते हैं कि वो संसद में उनकी बात रखे. इसका नेतृत्व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष करेंगे.

सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने बयानों में कहा कि, मुझे लगता है कि ये सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस तरह की तानाशाही चल रही है, उसका नतीजा भी साफ देखने को मिल रहा हैं. यूपी में लोगों को सांत्वना देना, उनके दुख दर्द समझना कब से ग़लत हो गया? क़ानून व्यवस्था खराब करने की बात नहीं है. मुझे उम्मीद है कि उन्हें वहां जाने दिया जाएगा और इस तरह की पाबंदी चुने हुए प्रतिनिधियों पर न लगाई जाएगी.

दरअसल, यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में सपा का प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाने से रोक लिया गया. इतना ही नहीं, माता प्रसाद पांडे को लखनऊ में उनके आवास पर हाउस अरेस्ट तक कर लिया गया. साथ ही सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी संभल में ही रोक लिया गया है. बता दें, बरली जाने वाले प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से सपा के तीन सांसद इकरा हसन, मोहिबुल्लाह नदवी और हरेंद्र मालिक शामिल थे.

गौरतलब है कि, बीते 26 सितंबर को बरेली जिले में हुए बवाल के बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया हुआ है. जिसके चलते अवैध निर्माणों पर बुलडोजर तक चलवा दिया है. इस दौरान मौलाना तौकीर रजा की पार्टी इत्तेहाद मिल्लत काउंसिल (IMC) के महासचिव और प्रवक्ता नफीस अहमद खां के बारात घर रजा पैलेस को भी ध्वस्त कर दिया गया. हालांकि, बरेली हिंसा के बाद से एक्शन में आई पुलिस की लगातार कार्रवाई जारी है. इस क्रम में हिंसा भड़काने के आरोप में आईएमसी नेता मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार किया गया है. जिसके साथ ही उनके सहयोगियों पर भी एक्शन जारी है.




