वाराणसी: भक्तों के लिए एक शुभ समाचार है — हरे कृष्ण हरे राम संकीर्तन सोसाइटी द्वारा राधा अष्टमी महामहोत्सव का भव्य आयोजन 30 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक किया जा रहा है. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम शहर के महमूरगंज स्थित माहेश्वरी भवन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें राधारानी के प्राकट्य, भक्ति-भावना और सांस्कृतिक महोत्सव का संगम देखने को मिलेगा.
तीन दिवसीय कार्यक्रम का पूरा विवरण:
पहला दिन — 30 अगस्त (शुक्रवार): हरिनाम पूजन और उद्घाटन समारोह
समय: शाम 5:30 बजे से
विशेष आकर्षण:
हरिनाम संकीर्त
श्री राधा-कृष्ण के पवित्र नामों का जाप
भक्तगण द्वारा भक्ति गीत और भजन
माहौल को भक्तिमय बनाने वाली दीपमालाएं और पुष्प सजावट
इस दिन से राधा अष्टमी महोत्सव का आधिकारिक शुभारंभ होगा.
दूसरा दिन —31 अगस्त (शनिवार): राधारानी का प्राकट्योत्सव
समय: पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 1 बजे तक
विशेष कार्यक्रम:
श्री राधा-कृष्ण की विशेष पूजा और अभिषेक
दूध, दही, घी, शहद, गुड़, और फलों के रस से भव्य स्नान
पुष्पवर्षा और दिव्य आरती
भक्तों द्वारा कीर्तन, नृत्य और श्लोक पाठ
विशेष श्रृंगार और अलंकरण में दर्शन
भोग अर्पण और प्रसाद वितरण
यह दिन राधारानी के प्राकट्य (अवतरण) की स्मृति में समर्पित होगा, जिसमें उनकी दिव्य लीलाओं का स्मरण किया जाएगा.
तीसरा दिन —1 सितंबर (रविवार): सांस्कृतिक महोत्सव और समापन
समय: शाम को
विशेष आकर्षण:
इस दिन का उद्देश्य भक्तों को राधा-कृष्ण की दिव्य लीलाओं से भावात्मक रूप से जोड़ना है.
आध्यात्मिक महत्व:
राधा अष्टमी, श्री राधारानी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है. यह दिन शुद्ध भक्ति, त्याग, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. भक्तों का मानना है कि राधारानी की कृपा से ही कृष्ण की सच्ची भक्ति संभव होती है. इस उत्सव में भाग लेकर श्रद्धालु अपने जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेममय जीवन की प्राप्ति कर सकते हैं.
आयोजकों का संदेश:
सोसाइटी के मीडिया प्रभारी, गुरु प्रसाद प्रभु ने बताया कि यह आयोजन संपूर्ण वाराणसी के श्रद्धालुओं के लिए खुला है. उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे परिवार सहित इस पुण्य अवसर में भाग लें और श्री राधारानी की कृपा प्राप्त करें. "यह आयोजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का एक दुर्लभ अवसर है. राधारानी की सेवा और स्मरण से ही कृष्ण प्रेम की प्राप्ति होती है।"
आयोजन स्थल और संपर्क जानकारी:
स्थान: माहेश्वरी भवन, महमूरगंज, वाराणसी
तिथि: 30 अगस्त से 1 सितंबर 2025
समय:
विशेष आकर्षण:
सुंदर श्रृंगार किए हुए राधा-कृष्ण विग्रह
सजावट में रंग-बिरंगे पुष्प और दीपमालाएं
कीर्तन मंडलियों द्वारा मधुर भजन
प्रसाद वितरण , बच्चों और युवाओं के लिए सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आदि.
आध्यात्मिक शांति, प्रेम और भक्ति का प्रतीक
वाराणसी में राधा अष्टमी का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक शांति, प्रेम और भक्ति का प्रतीक है यह एक ऐसा अवसर है जहां भक्तगण श्री राधारानी की दिव्यता को हृदय से अनुभव कर सकते हैं और उनके प्रेम में डूब सकते हैं.