
वाराणसी : बीएचयू स्थित चिकित्सा विज्ञान संस्थान के रेज़िडेंट डॉक्टरों ने सुरक्षा में लगातार हो रही चूक और हमलों के बढ़ते मामलों को लेकर गहरी चिंता जताई है. रेज़िडेंट डॉक्टर्स वेलफेयर सोसाइटी, आईएमएस-बीएचयू की ओर से कुलपति को लिखे पत्र में तत्काल सुधार की मांग की गई है. डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन की लगातार अनदेखी के कारण अस्पताल परिसर अब कर्मचारियों और चिकित्सकों के लिए असुरक्षित हो गया है. पत्र में विशेष रूप से उन घटनाओं का जिक्र किया गया है जिनमें डॉक्टरों के साथ मारपीट, अभद्र व्यवहार और महिला डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार शामिल हैं. सितंबर 2024 में हुई महिला रेज़िडेंट डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की घटना का उदाहरण देते हुए डॉक्टरों ने कहा कि उस घटना के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं किया गया.

आंदोलन की दी चेतावनी
रेज़िडेंट डॉक्टरों ने कुलपति से आठ प्रमुख मांगें रखी हैं. इनमें प्रशिक्षित सुरक्षा गार्डों की संख्या बढ़ाना, संवेदनशील क्षेत्रों जैसे आईसीयू और इमरजेंसी में विशेष गार्ड तैनात करना, बायोमेट्रिक प्रवेश प्रणाली लागू करना, डॉक्टरों के ड्यूटी रूम में सुरक्षित प्रवेश नियंत्रण सुनिश्चित करना, अलार्म सिस्टम और 24×7 सीसीटीवी निगरानी, नाइट पेट्रोलिंग टीम की स्थायी तैनाती और अस्पताल में यूपी मेडिसिन प्रोटेक्शन एक्ट, 2013 का सार्वजनिक प्रदर्शन शामिल है. डॉ. गौरव ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो रेज़िडेंट डॉक्टर इमरजेंसी सेवाएँ समेत अपनी सभी सेवाएँ रोकने पर मजबूर हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन पर होगी. रेज़िडेंट डॉक्टरों की आंदोलन से मरीजों की देखभाल और चिकित्सकीय सेवाओं पर गंभीर असर पड़ सकता है.




