
जापान: सनाए तकाइची को जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है. जापान के 140 साल के राजनैतिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी महिला को राजा के बाद देश का सर्वोच्च पद मिला है. जापान के पहले प्रधानमंत्री इटो हीरोबूमी ने पहली बार 1885 में पद संभाला था. इटो हीरोबूमी के बाद जापान ने 102 प्रधानमंत्री और 140 साल बाद, " उगते सूरज के देश" ने पहली बार किसी महिला को अपनी बागडोर दी है.

मंगलवार, 21 अक्टूबर, 2025 को संसदीय वोट में जीत के साथ, तकाइची ने यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया. उन्होंने संसद के निचले सदन में 237 वोटों के साथ बहुमत प्राप्त किया. यह जीत ऐसे समय में आई है, जब उनकी पार्टी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी, एक फंडरेज़िंग स्कैंडल से जूझ रही है. तकाइची को अब अपनी पार्टी की साख को दोबारा स्थापित करना होगा.

राजनीति में आने से पहले तकाइची का जीवन काफी कठिन रहा है. वह एक समय पहले मशहूर टीवी होस्ट हुआ करती थीं. इसके अलावा, एक बैंड में ड्रमर की भूमिका भी निभा चुकी हैं. और यह सब दर्शाता है कि उनके पास सिर्फ एक राजनेता का नहीं, बल्कि एक कलाकार का भी जुनून है.
आपको बता दे की, अपनी राजनीतिक यात्रा में, उन्होंने जापान की रूढ़िवादी पार्टी, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP), में एक खास जगह बनाई थी . वह पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी सहयोगी रही हैं और उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण मंत्री पदों पर काम कर चुकी हैं. अपने कठोर विचारों और मजबूत इरादों के कारण, उन्हें "जापान की आयरन लेडी" भी कहा जाता है, ठीक वैसे ही जैसे ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर को कहा जाता था. तकाइची खुद भी मार्गरेट थैचर की बहुत बड़ी फैन हैं.
नई प्रधानमंत्री के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं. जापान फिलहाल धीमी आर्थिक वृद्धि, बढ़ती कीमतों और येन के अवमूल्यन जैसी बड़ी आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है. ऐसे में तकाइची के नेतृत्व में देश को इन मुश्किलों से बाहर निकालने की उम्मीदें है.

गठबंधन की बात करें तो, तकाइची ने जापान इनोवेशन पार्टी के साथ हाथ मिलाया है. हालांकि, उनके लंबे समय से सहयोगी रहे कोमेइटो ने LDP में भ्रष्टाचार की चिंताओं पर असंतोष व्यक्त करते हुए गठबंधन छोड़ दिया, जिससे उनकी राह थोड़ी और मुश्किल हो गई है.
आने वाले दिनों में तकाइची की कूटनीतिक कुशलता की भी परीक्षा होगी. वह अगले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मेजबानी करने की तैयारी कर रही हैं. यह उनकी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय चुनौती होगी.




