


आपको बता दें कि अपने बिहार दौरे के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ दो नामांकन में जहां भाग लिया वहीं दो जनसभाओं को भी संबोधित किया. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी रामकृपाल यादव के समर्थन में जनसभा की. इस मौके पर दानापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले रामकृपाल यादव की जीत के लिए सीएम योगी जनता से वोट मांगा. इसके अलावा सीएम योगी बिहार के सहरसा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, "कांग्रेस और राजद के लोग हमेशा हमसे सवाल करते थे कि क्या राम मंदिर बनेगा, और हमने हमेशा कहा कि यह निश्चित रूप से बनेगा. अयोध्या में राम लला का मंदिर बन गया है, और बिहार में भी माता जानकी का भव्य मंदिर बन रहा है."

बीजेपी ने दानापुर विधानसभा सीट से रामकृपाल यादव को उतारकर राजनीति गलियारों में हलचल मचा रखी है. रामकृपाल यादव जो पूर्व केंद्रीय मंत्री है को लेकर ये सवाल उठने लगा है कि आखिरकार रामकृपाल यादव जैसे वरिष्ठ नेता को भाजपा द्वारा बिहार चुनाव में उतारने का क्या कारण है ? बता दें कि रामकृपाल यादव ने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है. 1985 में पटना नगर निगम के उप महापौर के रूप में जीत दर्ज करने के बाद रामकृपाल यादव पहली बार लाइम लाइट में आए थे.

मुद्दे की बात करें तो 2024 के लोकसभा चुनाव में तीसरी बार हुए मुकाबले में मीसा भारती ने रामकृपाल यादव को कई हजार मतों से हरा दिया था. इसी हार के बाद से वह काफी चर्चाओं में बने रहे. ऐसे में अचानक से अब बिहार चुनाव में उनकी एंट्री ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रखी है.
वहीं दानापुर सीट की बात करें तो यहां से 2020 के चुनाव में आरजेडी के बाहुबली नेता रीतलाल यादव ने यहां जीत दर्ज की थी. वह इस समय जेल के सलाखों के पीछे हैं. ऐसे में अब ये देखना होगा कि आरजेडी भाजपा के रामकृपाल यादव के सामने किस प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारती है.




