
Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटी हुई है. इस चुनाव में जीत पाने के लिए सभी पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. हालांकि, बिहार चुनाव से पहले ही निर्वाचन आयोग की तरफ से SIR प्रक्रिया के तहत तैयार की गई अंतिम लिस्ट आज जारी की जाएगी. इस लिस्ट में राज्य के मतदाताओं से जुड़े आंकड़े शामिल होंगे जो बीते 3 महीने से चल रही थी.

इसी SIR प्रक्रिया की फाइनल लिस्ट आज मंगलवार यानी 30 सितंबर को जारी होगी. बता दें, ड्राफ्ट मतदाता सूची के दौरान करीब 65 लाख से ज्यादा लोगों के नाम लिस्ट से हटा दिए गए थे. जिसके बाद भी इन लोगों के पास एक ऑपशन ये था कि, अगर किसी को लगता है कि गलत तरीके से उसका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाया गया है तो वह डॉक्यूमेंट देकर अपना नाम अंतिम मतदाता सूची में जुड़वा भी सकता है.

ऐसे में आज आने वाली अंतिम मतदाता सूची से ये साफ हो जाएगा कि बिहार में कुल कितने मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं. माना जा रहा है कि 7.24 करोड़ की मतदाता सूची में 15 लाख से ज्यादा और मतदाता जुड़ेंगे. एसआईआर से पहले कुल मतदाता सूची 7.89 करोड़ थी. फिलहाल, एसआईआर का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

आगामी 7 अक्टूबर को सर्वोच्च अदालत इस मामले में आगे की सुनवाई करेगा. क्योंकि, इस एसआईआर मामले में सुप्रीम कोर्ट पहले ही दो अंतरिम आदेश दे चुका है. पहला ये कि ड्राफ्ट सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की सूची सार्वजनिक करने से संबंधित है, जबकि दूसरा एसआईआर प्रक्रिया में आधार को 12वें दस्तावेज के तौर पर शामिल करने को लेकर है.

विपक्ष के विरोध और SIR बंद करने की बार-बार मांगों को देखते हुए मतदाता सूची में संशोधन प्रक्रिया की गई है. यह प्रक्रिया 22 साल बीतने के बाद आयोजित की गई थी. इससे जुड़ी ड्राफ्ट मतदाता लिस्ट एक अगस्त को जारी की गई थी. जिस पर जस्टिस सूर्या कांत और जॉयमल्या बागची ने अपने बयानों में कहा था कि अगर उन्हें कोई अनियमितता मिलती है तो वे प्रकाशित सूची को रद्द करने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे. जजों ने आधार को एक पहचान दस्तावेज के रूप में शामिल करने की भी अनुमति दी, जो आयोग के 11 दस्तावेजों की सूची में शामिल नहीं था. बता दें कि 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को पूरा हो रहा है.




