
वाराणसीः देश में मौसम तेजी से बदल रहा है. एक ओर पहाड़ी राज्यों में जहां बर्फबारी हो रही है, वहीं दक्षिण भारत के कई इलाकों में दितवाह चक्रवात के असर से कई जगहों पर बारिश होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. दूसरी ओर मौसम विभाग ने बदले मौसम का रूख देखते हुए उत्तर भारत के 10 राज्यों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है. इसी कड़ी में वाराणसी में ठंड ने एक बार अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. उत्तर पश्चिमी हवाओं के सक्रिय होने के साथ-साथ पछुआ हवा के चलने से तापमान में गिरावट होनी शुरू हो गई है. इसके चलते सुबह और रात के समय ठंड का असर बढ़ने से ठिठुरन का अनुभव होने लगा है. वहीं मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए अलर्ट जारी करते हुए लोगों से बदले मौसम को देखते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी है. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आने वाले 3 से 4 दिनों में तापमान में लगभग 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की कमी हो सकती है जिसके चलते भोर के समय कोहरा पड़ने की आशंका है.
हवाओं ने नमी को तेजी से किया कम
बता दैं कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पछुआ हवाओं का असर साफ तौर पर मंगलवार से पड़ना दिखाई दे रहा है जिसके चलते हवाओं ने नमी को तेजी से कम किया जिससे मौसम अधिक शुष्क हो गया है. इस कारण तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आती रही जिससे ठंड की ठिठुरन दिनभर महसूस की गई. बता करे बाबतपुर क्षेत्र की जहां अधिकतम तापमान एक डिग्री घटकर 26 डिग्री सेल्सियस पर आ गया, जो सामान्य से 0.6 डिग्री कम रहा. न्यूनतम तापमान भी 0.5 डिग्री गिरकर 11.5 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं बीएचयू क्षेत्र में अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री घटकर 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा और न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. ।

प्रदेश में ठंड लगातार बढ़ेगी
बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव की माने तो पश्चिमी विक्षोभ का यह प्रभाव अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा. वही अगले दिनों में एक के बाद एक नए पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होंगे, जिनसे प्रदेश में ठंड लगातार बढ़ेगी. इसकी वजह से दिसंबर की शुरुआत में सुबह के समय धुंध और हल्का कोहरा सामान्य परिस्थितियों से ज्यादा देखने को मिल सकता है. इसके चलते मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह और रात के समय विशेष सावधानी बरते. साथ ही ठंड से बचने के लिए ज्यादा परते के कपड़ों संग गर्म कपड़ों का प्रयोग करें . इसके साथ ही कोहरा पड़ने पर वाहन चलाने से बचे. जरूरी हो तो वाहन की गति नियंत्रित रखें.




