
वाराणसी - कमिश्नरेट पुलिस के कोतवाली थाने में दर्ज मुकदमे में धारा 26 डी एनडीपीएस एक्ट और अन्य धाराओं के तहत दो अरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस आयुक्त वाराणसी के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई से दवा फर्म संचालकों में हडकंप मचा हुआ है. पुलिस उपायुक्त काशी जोन के मार्गदर्शन में, अपर पुलिस उपायुक्त काशी जोन के पर्यवेक्षण में और सहायक पुलिस आयुक्त कोतवाली तथा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई. मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल और भोला प्रसाद केस के संदर्भ में दो आरोपियों को कोतवाली पुलिस और एसओजी टीम द्वारा दबोच लिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में हुकुलगंज क्षेत्र निवासी विशाल कुमार जायसवाल और बादल आर्य शामिल हैं. इन पर कोडीनयुक्त कफ सिरप का अवैध व्यापार किए जाने का आरोप है. आरोपियों ने जाली दस्तावेजों के माध्यम से ड्रग लाइसेंस प्राप्त किया और विभिन्न मेडिकल फर्मों के माध्यम से इस कफ सिरप का क्रय-विक्रय कर आर्थिक लाभ अर्जित किया.
दिखावे की फर्म से करोडों का व्यापार

विशाल कुमार जायसवाल की फर्म हरी ओम फार्मा ने 4,18,000 शीशियाँ कफ सीरप खरीदीं, जबकि भोला प्रसाद की फर्म शैली ट्रेडर्स ने इसे झारखंड से खरीदा और लगभग 5 करोड़ रुपये में बेचा. इसी तरह का आरोपी बादल आर्य की फर्म काल भैरव ट्रेडर्स ने भी व्यापार किया. आरोपियों ने फर्जी ई वे बिल भी तैयार किए, जिनकी पुष्टि संबंधित वाहनों के स्वामियों के बयानों से होती है.
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि उनकी मुलाकात डी.एस.ए. फार्मा के माध्यम से हुई थी, जहां उन्हें कफ सीरप के व्यापार में शामिल होने का लालच दिया गया. उन्होंने बताया कि उन्हें प्रति माह 30,000 से 40,000 रुपये का कमीशन दिया जाता था, जो उनके बैंक खातों में आता था और फिर जल्दी से शैली ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता था. आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक वर्ष के भीतर लगभग 7 करोड़ रुपये का व्यापार किया है, जबकि उनकी फर्म केवल दिखावे के लिए थी.
कफ सिरप कांड में पुलिस गंभीर
इस मामले में पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ अग्रिम विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पुलिस ने इस कार्रवाई को सफल बताते हुए कहा कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि इस प्रकार के अवैध कारोबार पर रोक लगाई जा सके. पुलिस आयुक्त ने इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को दें ताकि ऐसे अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके. गिरफ्तार करने वालों में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक दया शंकर सिंह और एसओजी प्रभारी गौरव सिंह समेत उनकी टीम शामिल रही.




