
वाराणसी: काेडीन युक्त कफ सिरप मामले में मुख्य आरोपित शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल की कोलकाता एयरपोर्ट से हुई गिरफ्तारी के बाद पुलिस, एसटीएफ और औषधि विभाग की जांच तेज हो गई है. मुख्य आरोपित शुभम जायसवाल के दुबई भागने की सूचना पर लुक आउट नोटिस जारी करने की तैयारी चल रही है तो वहींइस प्रकरण की जांच की आंच अब झारंखड तक जा पहुंची है. झारखंड के औषधि विभाग ने वाराणसी के पिंडरा स्थित एक दवा व्यवसाय की फर्म को नोटिस भेजकर करोड़ों के कोडीनयुक्त सीरप का हिसाब-किताब मांगा है. इस कार्रवाई ने दवा कारोबार में हडकंप मचा दिया है.
दर्ज मुकदमे में बढ़ाई धोखाधड़ी की धारा
इस बीच वाराणसी में तस्करी मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी का नेतृत्व कर रहे सरवणन टी पिंडरा पहुंचे तो पता चला कि फर्जी किराएदारी के कागजात से खोली गई फर्म से हजारों पेटी कफ सिरप का कारोबार हुआ. जिसके बाद कोतवाली में पहले से दर्ज केस में धोखाधड़ी की धारा बढ़ाई गई, जिसमें उम्र कैद तक का प्रावधान है. पुलिस कमिश्नरेट प्रशासन का कहना है कि झारखंड से औषधि विभाग ने घटनाक्रम का संज्ञान लिया है. वहां के अधिकारियों ने पत्र जारी कर कई दुकानों से कोडीनयुक्त सीरप की खरीद-फरोख्त का ब्योरा मांगा है. जिसके क्रम में जांच में धोखाधड़ी सरीखे कई तथ्य प्रकाश में आए हैं.
दस्तावेजों की जांच में कदम-कदम पर कूटरचित तरीके अपनाए गए हैं. बताया कि 138 दवा फर्मों में 40 दवा दुकानों की जांच पूरी की जा चुकी है. उनके अधिष्ठाताओं को नोटिस दिए जा रहे हैं, जिसका जवाब नहीं मिला तो गिरफ्तारी की जाएगी.
राहत पाने को वरिष्ठ अधिवक्ता के संपर्क में शुभम, दुबई से फोन पर की बात
नशे के लिए प्रयोग किए जाने वाले कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के मुख्य सरगना कायस्थान मुहल्ला प्रह्लादघाट निवासी शुभम जायसवाल राहत पाने के लिए शहर के एक वरिष्ठ अधिवक्ता के संपर्क में है. उसने एपल मोबाइल पर सुरक्षित काल के लिए प्रयोग किए जाने वाले एप के जरिए बात की है. सूत्रों के अनुसार दोनों के बीच हुई बातचीत तो जांच का विषय होगी, लेकिन आइपी एड्रेस के जरिए जांच एजेंसियों ने पड़ताल तेज कर दी है. वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस सर्विलांस और साइबर सेल के जरिए पहले से निगरानी कर रही हैं. शुभम जायसवाल के खिलाफ चार नवंबर को गाजियाबाद में केस दर्ज हुआ था. उसके दूसरे ही दिन वह झारखंड के रांची शहर से पश्चिम बंगाल भागा, वहां से परिवार को साथ लेकर फ्लाइट पकड़ी और दुबई भाग निकला. पुलिस छानबीन में शुभम के दुबई भागने की बात की पुष्टि हुई तो दुबई से वाराणसी के बीच संदिग्ध काल पर नजर रखनी शुरू कर दी गई. शुभम से जुड़े सीए, अधिवक्ता, जनप्रतिनिधि सबके ऊपर नजर रखी जा रही है. जांच एजेंसी आइपी एड्रेस के जरिए शुभम के सटीक ठिकाने तक पहुंचने में लगी है. आइपी एड्रेस एक संख्यात्मक कोड है जो इंटरनेट या कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़े प्रत्येक डिवाइस (कंप्यूटर, मोबाइल फोन, आदि) का होता है। इसे डिवाइस का डिजिटल पता भी कह सकते हैं.
76 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई नहीं
खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन की टीम ने शहरी क्षेत्र की 124 फर्मों को चिन्हित तो कर लिया लेकिन कार्रवाई की रफ्तार मंद है. अब तक केवल 38 फर्मों पर ही प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकी. अब भी 76 फर्में ऐसी हैं जो औषधि विभाग की पकड़ से दूर हैं. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इस खेल में 200 से ज्यादा फर्मों के शामिल होने का अनुमान है. बोगस फर्मों का लाइसेंस जारी करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी. वाराणसी के कबीरचौरा निवासी सगे भाइयों स्वामी सत्यम कुमार और विजय गुप्ता ने प्रतिबंधित कफ सिरप की आपूर्ति के लिए सोनभद्र में अलग-अलग नाम से फर्जी फर्म बनाई. किराये के मकान में बैनर लगाकर 7.53 लाख शीशी कफ सिरप की फर्जी आपूर्ति दिखाई और 25 करोड़ का कारोबार कर डाला.
22 से ज्यादा लोग एसटीएफ के रडार पर
प्रतिबंधित कफ सिरप मामले में अमित सिंह टाटा और बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के अवैध कार्यों में सहयोग करने वाले 22 से ज्यादा लोगों को एसटीएफ ने चिन्हित किया है. वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर के इन युवकों से जल्द ही पूछताछ की जाएगी. चौबेपुर, महमूरगंज और लहरतारा का रहने वाला निजी ट्रांसपोर्टर, शराब कारोबारी भी जांच की जद में है. एसटीएफ को अमित और शुभम के व्हाट्सएप चैट से कई अहम साक्ष्य मिले हैं. पता चला कि मामले में गिरफ्तार अमित सिंह टाटा शराब कारोबार से भी जुड़ा है. उसे शराब की कई दुकानें आवंटित की गई हैं. उसके संपर्क में कई युवा थे जिनके नाम से फर्म बनवाई गई थी फिर पांच-पांच लाख रुपये के निवेश कराए गए.
भोला प्रसाद को रिमांड पर लेगी कमिश्नरेट पुलिस
कफ सीरप प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी के नेतृत्वकर्ता सरवणन टी ने बताया कि सोनभद्र पुलिस ने भोला प्रसाद जायसवाल को गिरफ्तार किया है. वह हमारे यहां दर्ज केस में आरोपित है, उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी. पुलिस अधिकारियों ने की आनलाइन मीटिंग कोडीनयुक्त सीरप की बरामदगी मामले की जांच सही तरीके से आगे बढ़े, इसके लिए सोमवार को सोनभद्र, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली जिले के पुलिस अधिकारियों ने आनलाइन मीटिंग की. सभी ने अपने-अपने यहां कफ सीरप प्रकरण में दर्ज केस और उसकी जांच में सामने आए तथ्यों को एक-दूसरे से साझा किया. बता दें कि कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार भोला प्रसाद जायसवाल की तलाश में सोनभद्र सहित 11 जिलों की पुलिस, यूपी एसटीएफ और एटीएस की टीमें लगी थीं. उसकी फर्म शैली ट्रेडर्स के जरिये दस जिलों में ही 100 करोड़ से ज्यादा का फर्जी लेनदेन किया गया है. पूरे प्रदेश में 100 से ज्यादा फर्म ऐसी पाई गई हैं जिनके जरिये फर्जी आपूर्ति दर्शाकर करोड़ों का कफ सिरप बांग्लादेश, नेपाल सहित अन्य देशों में भेज दिया गया.

धनंजय सिंह और बर्खास्त सिपाही का वोटर लिस्ट में एक ही मकान संख्या!
उधर, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके परिवार तथा बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह का वोटर लिस्ट में एक ही मकान संख्या होने के संबंध में जांच की मांग की है. यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि उन्हें विधानसभा क्षेत्र 367 मल्हनी, जैनपुर के अनुभाग संख्या 1 वनसफा का बताया गया वोटर लिस्ट प्राप्त हुआ है, जिसमें क्रम संख्या 115 पर धनंजय सिंह के भाई जितेंद्र सिंह, 116 पर उन की पत्नी श्रीकला सिंह और 118 पर धनंजय सिंह का नाम अंकित दिखता है. इस वोटर लिस्ट के क्रम संख्या 120 पर आलोक प्रताप सिंह लिखा हुआ है जो बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह बताए गए हैं. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि वोटर लिस्ट में धनंजय सिंह और आलोक सिंह का एक ही मकान संख्या अंकित होना प्रथमदृष्टया गंभीर दिखता है, जिसकी जांच आवश्यक है.




