
वाराणसी - पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच वाराणसी में संदिग्ध डुप्लीकेट मतदाताओं की जांच की रफ्तार बेहद धीमी चल रही है. राज्य निर्वाचन आयोग ने जिले को जिन 4,43,385 संभावित डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची जांच के लिए भेजी थी, उनमें से अब तक मात्र 1351 मतदाताओं का ही सत्यापन हो सका है. यानी अभी 99.7 प्रतिशत जांच शेष है. कई ब्लॉकों में स्थिति यह है कि अब तक एक भी सत्यापन कार्य पूरा नहीं हो सका.
राज्य स्तर पर भी हालात बेहतर नहीं हैं. प्रदेश में कुल 12.43 करोड़ मतदाता दर्ज हैं, जिनमें से 2.27 करोड़ मतदाताओं के नाम दोहराव की श्रेणी में पाए गए हैं. एआई टूल्स और सॉफ्टवेयर विश्लेषण के जरिए करीब 90,76,015 मतदाताओं के नाम दो से तीन जगह दर्ज मिले हैं. दो महीने बीत जाने के बावजूद प्रदेश स्तर पर मात्र 6 प्रतिशत डुप्लीकेट मतदाताओं की ही जांच पूरी हो पाई है. वाराणसी में पिछले पंचायत चुनाव के दौरान 17.53 लाख मतदाता दर्ज थे. आगामी चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य तेजी से चल रहा है. जिले में इस समय कंप्यूटराइज्ड मतदाता सूची तैयार करने, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने और गलत नाम काटने की प्रक्रिया जारी है.

मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन 5 दिसंबर को
मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन 5 दिसंबर को किया जाएगा. इसके बाद 6 से 12 दिसंबर तक आमजन सूची का अवलोकन कर आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे. आपत्तियों के निस्तारण की अंतिम तिथि 19 दिसंबर तय की गई है. इसके बाद 15 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी. सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है. चुनाव मार्च-अप्रैल में कराए जाने की संभावना जताई जा रही है.
निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि डुप्लीकेट मतदाताओं की जांच में गति लाने के साथ जवाबदेही भी तय की जाए, ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके.




