बीएचयू में 100 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ को पुनः किया गया जीवित

वाराणसीः हाल ही में तेज हवाओं और लगातार बारिश के कारण बीएचयू परिसर में गिरे हुए लगभग 100 वर्ष पुराने पीपल के पेड़ को सफलतापूर्वक पुनः खड़ा कर उसकी जीवन रक्षा की गई. यह कार्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय पहल करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू), वाराणसी के इंस्टिट्यूट वर्क्स डिपार्टमेंट (IWD) तथा बीएचयू के उद्यान विभाग के सहयोग से पूरा किया गया.

तकनीक के साथ उद्यान विशेषज्ञों ने की मदद
इस पुराने व विशाल पीपल के पेड़ को आईडब्ल्यूडी टीम के तकनीकी निर्देशन और बीएचयू के उद्यान विशेषज्ञों के सहयोग से दो जेसीबी और एक हाइड्रा की सहायता से अत्यंत सावधानीपूर्वक खड़ा किया गया. इस दौरान विशेष सावधानी यह बरती गई कि पेड़ की जड़ों को किसी प्रकार की क्षति न हो. इसके अलावा पेड़ को स्थिर बनाए रखने के लिए जमीन की मिट्टी को पहले मजबूत किया गया और आवश्यक पानी देने के साथ ही खाद आदि देकर इसके पोषण का विशेष प्रबंधन सुनिश्चित किया गया.

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कई टन वजनी पेड़ का बदल जाएगी स्वरूप
इस संबंध में आईआईटी BHU संस्थान निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता ने तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्य में तकनीकी सटीकता और समन्वय अत्यंत आवश्यक था. गिरे पेड़ का वजन कई टन था, जिसे जड़ों को क्षति पहुंचाए बिना इसे जेसीबी और हाइड्रा की मदद से धीरे-धीरे उठाया गया. इस दौरान दो जेसीबी से पेड़ का आधार समर्थन और हाइड्रा से ऊर्ध्व दिशा में उसे स्थापित किया गया. पेड़ की पुनःस्थापना के बाद उसकी मिट्टी को सुदृढ़ किया गया और जड़ों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए गए हैं. जानकारी दी कि आने वाले कुछ सप्ताह तक निरंतर निगरानी रखी जाएगी ताकि पेड़ पूरी तरह से स्थिर होकर नए सिर से परिसर की शोभा बढ़ाए.






