
क्या आपने भी सुना कि 2026 में एफिल टॉवर को गिराया जा रहा है ? यह खबर फेक है - सोशल मीडिया पर इन दिनों एक चौंकाने वाली खबर वायरल है कि “फ्रांस सरकार 2026 में एफिल टॉवर को ढहाने वाली है.” बता दें कि पेरिस में बना एफिल टॉवरन सिर्फ फ्रांस की शान ही नहीं बल्कि यह दुनिया के सात अजूबों में शामिल है.
क्या वाकई दुनिया का सबसे मशहूर टॉवर बन जाएगा इतिहास ? आइए जानते हैं, क्या है सच्चाई
दावा किया जा रहा है कि एफ़िल टावर की "लीज खत्म" हो गई है, "मेंटेनेंस का खर्च ज़्यादा है" और "संरचना कमजोर" कमजोर हो चुकी है. वहीं हकीकत यह है कि ये अफवाह सिर्फ एक मजाकिया वेबसाइट से शुरू हुई, जिसका नाम 'टैपिओका टाइम्स' है.

इसे तोड़ना चाहता था हिटलर, पर रहा नाकाम
असलियत यह है कि टावर को अक्टूबर 2025 में यूनियन स्ट्राइक के कारण अस्थायी रूप से बंद किया गया था. लेकिन इससे टावर की सेफ्टी और इसके भविष्य पर ज़रा भी फर्क नहीं पड़ा. इतिहास की बात करें, तो प्रथम विश्व युद्ध में यहां का रेडियो स्टेशन दुश्मन के संदेश पकड़ने में काम आया था और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर इसे तोड़ना चाहता था पर वो भी नाकाम रहा. उधर कोई भी फ्रेंच अथॉरिटी, पेरिस शहर प्रशासन या टॉवर का संचालन करने वाली SETE संस्था—किसी ने एफिल टॉवर गिराने की न तो कोई घोषणा की है, और ना ही उनकी कोई प्लानिंग है.
आने वाले सालों तक यूं ही खड़ा रहेगा विश्वविख्यात टावर
तो अगली बार जब ऐसी कोई वायरल खबर दिखे, तो उसको सही खबर ना समझे. एफिल टॉवर अपनी जगह आज भी मज़बूती से खड़ा है और आने वाले सालों तक यूं ही रहेगा. बता दें कि 1889 में फ़्रांसीसी क्रांति के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर यहां वैश्विक मेले का आयोजन किया गया था. इस मेले के प्रवेश द्वार के रूप में सरकार एक टावर बनाना चाहती थी. इस टावर के लिए सरकार के तीन मुख्य शर्तें थीं-टावर की ऊँचाई 300 मीटर होनी चाहिए. टावर पुडल आयरन का होना चाहिए.टावर के चारों मुख्य स्तंभ के बीच की दूरी 125 मीटर होनी चाहिए. बता दें कि इस ऐतिहासिक टॉवर पर निर्माण कार्य जनवरी 1887 में शुरू हुआ और 31 मार्च, 1889 को समाप्त हुआ था.

बम से उड़ाने की धमकी निकली अफवाह
गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में एफिल टॉवर को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी. इसके बाद एहतियात के तौर पर एफिल टावर को खाली कराया गया था. हालांकि छानबीन और जांच के बाद बम की धमकी सिर्फ अफवाह निकली थी.




