
वाराणसीः अयोध्या में करोड़ों भक्तों की आस्था के विजय के प्रतीक श्री राम के भव्य मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के पूर्व रविवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम, शिव के आराध्य प्रभु श्री राम की आराधना में लीन रहा. तड़के भगवान सूर्य नारायण की पहली किरण विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर पडते ही हिंदू धर्म के आराध्य बाबा श्री काशीविशिवनाथ का धाम भगवान श्री राम के जयकारों से गूंज उठा. इस मौके पर मौजूद भारी संख्या में श्रद्धालु माताएं ,बहने, युवा, बुजुर्ग ने श्री राम का गुणगान किया.

राम आ गए हैं - राम आ गए हैं की स्तुति संग की गई प्रार्थना
इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने भगवान शिव शंकर के प्रिय प्रभु श्री राम के भजन श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणम, राम आ गए हैं - राम आ गए हैं की स्तुति से भारत की सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना की. वहीं नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने बताया कि 25 नवंबर को पूरे देश में विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा और उसी दिन राम मंदिर के शिखर पर केसरिया धर्म ध्वजा फहराया जाएगा.

मंदिरों का ध्वज दर्शाता है देवता की उपस्थिति
हिंदू धर्म में हमेशा से ही मंदिर पर ध्वजा फहराने की परंपरा बहुत ही प्राचीन और महत्वपूर्ण रही है. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि मंदिरों पर फहराया गया ध्वज देवता की उपस्थिति को दर्शाता है. साथ ही यह ध्वज जिस दिशा में वह लहराता है, वह पूरा क्षेत्र पवित्र माना जाता है. शास्त्रों में मंदिर के शिखर का ध्वज देवता की महिमा, शक्ति और संरक्षण का प्रतीक बताया गया है.
इनकी रही उपस्थिति
इस आयोजन में प्रमुख रूप से नमामि गंगे के राजेश शुक्ला, शगुन पाण्डेय , तारा त्रिपाठी , स्तुति त्रिपाठी, हिमांशु सिंह सुजीत प्रजापति, रौनक सिंह, रौशन केशरी, सूरज यादव, विक्की चंद्रवंशी समेत सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे.




