
वाराणसी: ज्ञान और परंपरा की नगरी वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय इस वर्ष अपना 43वां दीक्षा समारोह भव्य रूप से आयोजित करने जा रहा है. यह आयोजन 8 अक्टूबर को होगा. दीक्षा समारोह को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.विश्वविद्यालय के कुलसचिव राकेश कुमार ने बताया कि समारोह में उन विद्यार्थियों को उपाधि (डिग्री) प्रदान की जाएगी, जिन्होंने स्नातक, स्नातकोत्तर एवं शोध स्तर की परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं.
छात्रों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
संबद्ध स्नातक को 23 सितंबर तक स्वीकृति पत्र भरकर कुलसचिव कार्यालय में जमा करना अनिवार्य है. इसके बाद 24 और 25 सितंबर को सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय परिसर में उपस्थित होकर छात्रों को अपने दस्तावेज़ दिखाने होंगे. इसी दौरान वे 250 रुपये शुल्क जमा करके दीक्षा समारोह के लिए निर्धारित परिधान, वस्त्र और उपाधि ग्रहण करने का अधिकार प्राप्त कर सकेंगे.
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समारोह की खासियत
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का दीक्षा समारोह सदियों पुरानी भारतीय संस्कृत परंपरा और शैक्षणिक गौरव का प्रतीक माना जाता है. दीक्षांत के अवसर पर पारंपरिक वेशभूषा में छात्र-छात्राएं अपनी उपाधि ग्रहण करेंगे. समारोह में विश्वविद्यालय के गणमान्य आचार्य, विद्वान और विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहेंगे.

छात्रों में उत्साह
दीक्षा समारोह की घोषणा होते ही छात्रों में उत्साह का माहौल है. विश्वविद्यालय परिवार इस आयोजन को भव्य और यादगार बनाने की दिशा में पूरी तैयारी में जुटा है. यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, बल्कि संस्कृत भाषा और भारतीय ज्ञान परंपरा के संवर्धन का भी प्रतीक बनेगा.





