
वाराणसीः महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 47वां दीक्षांत समारोह सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में बुधवार को संपन्न हुआ. पहली बार यह समारोह विश्वविद्यालय परिसर से बाहर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया. इसके पूर्व प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने औपचारिक घोषणा कर समारोह का शुभारंभ किया. राष्ट्रगान, माल्यार्पण और कुलगीत के साथ समारोह की शुरुआत हुई. इस दौरान मंच पर काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. एके त्यागी, मुख्य अतिथि पद्मश्री दिल्ली की प्रो. सरोज चूड़ामणि गोपाल सहित छह अतिथि थे.

आकांक्षा प्रजापति तथा अक्षत कुमार सिंह को दो-दो स्वर्ण पदक
समारोह में कुलपति प्रो. त्यागी ने अपने संबोधन में जानकारी दी कि दीक्षांत समारोह में 101 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिए जा रहे हैं, जिनमें 74 छात्राएं और 27 छात्र शामिल हैं. समारोह में स्नातक वर्ग में बीए संस्कृत की छात्रा आकांक्षा प्रजापति और स्नातकोत्तर में एमएफए के अक्षत कुमार सिंह को दो-दो स्वर्ण पदक मिले. इसके अलावा एशियन यूनिवर्सिटी पावर लिफ्टिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्रा अमृता और छात्र कार्तिक को भी स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया. जानकारी दी कि इस वर्ष भी मेडलिस्टों की सूची में छात्राओं की संख्या छात्रों से कहीं अधिक रही, जो महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है.
पर्यावरण संरक्षण पर आधारित मनमोहक मोनो एक्ट
समारोह के दौरान प्राथमिक विद्यालय बछांव के 10 बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित मनमोहक मोनो एक्ट और गीत प्रस्तुत किए. बच्चों की इस प्रस्तुति ने हॉल में बैठें श्रोताओं को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. तालियों की गड़गड़हाट देर तक समारोह में गूंजती रही. पूरे आयोजन में विद्यार्थियों और परिजनों में उत्साह का खासा माहौल देखने को मिला. पहली बार दीक्षांत समारोह का सजीव प्रसारण काशी विद्यापीठ कैंपस के गांधी अध्ययन पीठ और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी किया गया.

इतने विद्यार्थियों को मिली उपाधि
इस बार दीक्षांत समारोह में काशी विद्यापीठ से स्नातक के 55,642 (21,387 छात्र, 34,252 छात्राएं और 3 ट्रांसजेंडर), स्नातकोत्तर के 15,322 (3,838 छात्र और 11,484 छात्राएं) तथा पीएचडी के 178 (111 छात्र और 67 छात्राएं) विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं.





