
वाराणसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शहर में यातायात सुधार और पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लहुराबीर से गिरजाघर चौराहे तक सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है. यह सड़क अब 14 मीटर चौड़ी होगी, जिसमें डिवाइडर के दोनों ओर सात-सात मीटर की चौड़ाई रखी जाएगी. इस परियोजना से सड़क पर लगने वाले जाम की समस्या में काफी हद तक निजात मिलने की उम्मीद है.
दालमंडी चौडीकरण से जोडने की योजना
करीब तीन किलोमीटर लंबी इस सड़क का अधिकांश हिस्सा वर्तमान में मात्र साढ़े चार से पांच मीटर चौड़ा है, जिससे यहां हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. बिजली के खंभे और अन्य अवरोधों के कारण वाहनों की आवाजाही बाधित होती रही है. प्रस्तावित योजना के तहत इस मार्ग को दालमंडी सड़क चौड़ीकरण परियोजना से भी जोड़ा जाएगा. दोनों सड़कों के चौड़ी होने के बाद इसे “वीआईपी रोड” के नाम से जाना जाएगा. पहले इस मार्ग की चौड़ाई 18 मीटर प्रस्तावित थी, लेकिन ज्यादा मकान न टूटें, इसे देखते हुए चौड़ाई को घटाकर 14 मीटर कर दिया गया है. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के विस्तार और गंगा आरती व नौका विहार के लिए आने वाले पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है. प्रयागराज कुंभ 2025 के दौरान पलटप्रवाह के समय सड़क संकरी होने के कारण प्रशासन और पुलिस को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. इसी अनुभव के बाद मुख्यमंत्री ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से जुड़ने वाले मार्गों को चौड़ा करने के निर्देश दिए हैं.

184 भवन चिह्नित, भूमिगत होंगे तार
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़क चौड़ीकरण के लिए 184 भवनों को चिह्नित किया है. इनमें से 43 भवन स्वामियों से बातचीत कर मुआवजे पर सहमति बन चुकी है, जबकि 100 अन्य भवन मालिकों से बातचीत जारी है. विभाग का प्रयास है कि सभी को एक साथ मुआवजा दिया जाए ताकि कार्य तेजी से आगे बढ़ सके.
सड़क चौड़ीकरण कार्य में बिजली के तार और खंभे बड़ी बाधा बन रहे हैं. इसके समाधान के लिए लोक निर्माण विभाग ने यूटिलिटी शिफ्टिंग का 7.67 करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है. बिजली विभाग भी अपने स्तर से सर्वे कर प्रस्ताव तैयार कर रहा है ताकि बिजली के तार और खंभों को हटाकर भूमिगत किया जा सके. लहुराबीर चौराहे से आइएमए बिल्डिंग के बीच, चेतगंज तिराहे और बेनियाबाग चौराहे से नई सड़क तक का हिस्सा सबसे अधिक संकरा है. यहां सड़क चौड़ी होने से न केवल वाहनों का दबाव कम होगा, बल्कि आमजन को आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी.




