
CWC Meeting: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी हैं. इसी बीच आज बुधवार को बिहार में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की एक बड़ी बैठक हुई. इस मौके पर कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि आजादी के बाद से पहली बार बिहार की इस पवित्र भूमि पर CWC की बैठक हो रही है. यह बैठक ‘दूसरी स्वतंत्रता संग्राम’ की शुरुआत है. CWC बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की अचूक रणनीति तैयार करने के साथ ही प्रजातंत्र को सुरक्षित करने का संकल्प भी लिया जाएगा.

इसी बैठक को लेकर जनता दल यूनाइटेड यानी (जेडीयू) ने कांग्रेस पर हमला बोला है. जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि इस बैठक को बिहार में करने का फैसला कांग्रेस पार्टी ने इसलिए लिया है क्योंकि, अब तक वह बिहारियों को केवल गालियां देते थे. जैसे रेवंत रेड्डी से लेकर के चरणजीत सिंह चन्नी समेत कई कांग्रेस नेताओं ने बिहारियों को बार-बार अपमानित किया. उनके अलायंस में स्टालिन जैसे लोग हैं, जिनको बिहारी शब्द से नफरत है.

इस नफरत के बीच आज यही लोग बिहार में एकजुटता दिखाने के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं जो किसी नाटक से कम नहीं है. हालांकि, इस नाटक से भी कांग्रेस को कोई फायदा नहीं होने वाला है क्योंकि इनकी नईयां बिहार चुनाव होने से पहले ही डूब गई है.

वहीं राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने भी कांग्रेस पर भड़कते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में बिहार में विकास कार्य प्रगति पर है. पहले बिजली का अता-पता तक नहीं था और अब यहां 24 घंटे बिजली रहती है. इसी के आगे मंत्री ने ताने मारते हुए कहा, कांग्रेसी नेताओं को पटना का मरीन ड्राइव और जेपी पथ जरूर देखना चाहिए जिससे उन्हें खुद विकास के होने का अंदाजा लग जाएगा. हालांकि, कुछ समय पहले बिहार की यात्रा करने वाले राहुल गांधी ने तो देखा ही होगा कि बिहार विकास को लेकर कितना तरक्की कर गया है.

पटना में पहली बार आयोजित हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पर तंज कसते हुए जनता दल (यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने एक बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि यह बैठक दरअसल महागठबंधन में राजनीतिक दबाव बनाने और अधिक से अधिक सीटों पर दावा ठोकने की रणनीति है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि बिहार महागठबंधन के घटक दलों के बीच एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ मची हुई है. इन नेताओं के बयानों से ये साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस की ये बैठक विपक्षी नेताओं को खटकने लगी है.




