फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर युवती से ठगे 5 लाख, निजी तस्वीरें वायरल करने की दी धमकी

वाराणसी: रामनगर में सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर अंबेडकर नगर की एक युवती और उसके परिवार से पांच लाख रुपये ठगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पीड़िता की तहरीर पर रामनगर थाने की पुलिस ने भभुआ (बिहार) निवासी दीपक, संतोष और श्रीधर के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

ऐसे रचा गया धोखे का जाल
युवती ने बताया कि साल 2019 में जब वह वाराणसी के एक संस्थान से मेडिकल डिप्लोमा कर रही थी, तभी उसकी मुलाकात भभुआ निवासी दीपक से हुई. धीरे-धीरे दोस्ती बढ़ी और दीपक उसके घर तक आने-जाने लगा. समय बीतने के साथ उसने न केवल युवती बल्कि उसके माता-पिता का भी विश्वास जीत लिया. दीपक ने परिवार को विश्वास दिलाया कि उसके बड़े अधिकारियों से गहरे संबंध हैं और वह आराम से सरकारी नौकरी दिला सकता है. उसने दावा किया कि नौकरी पक्की कराने में करीब पाँच लाख रुपये खर्च होंगे. इस बीच दीपक ने अपने दो साथियों संतोष और श्रीधर से परिवार की मुलाकात कराई. संतोष ने खुद को बिबार में जिलाधिकारी (डीएम) के पद पर तैनात बताया. नकली परिचय और आत्मविश्वास भरी बातें सुनकर परिवार का भरोसा और गहरा हो गया.

पांच लाख में मिला फर्जी ज्वाइनिंग लेटर
अगस्त 2024 तक युवती के पिता ने अलग-अलग किश्तों में दीपक और उसके साथियों के खातों में पांच लाख रुपये यूपीआई और आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए. पैसे मिलते ही संतोष ने युवती को आबकारी विभाग की ओर से नियुक्ति पत्र सौंप दिया. उम्मीदों से भरी युवती जब ज्वाइनिंग के लिए विभागीय कार्यालय पहुंची, तो वहाँ पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है. यही नहीं, जब युवती ने दीपक से पूछताछ की तो वह टालमटोल करने लगा.
और मांगे पैसे, न मिलने पर दी शर्मनाक धमकी
फर्जीवाड़ा उजागर होने के बावजूद आरोपियों का लालच थमा नहीं. उन्होंने युवती से दो लाख रुपये और मांगे. इस पर जब पीड़िता ने अपने पांच लाख रुपये वापस मांगे, तो दीपक का असली चेहरा सामने आ गया. उसने न केवल पैसे लौटाने से इनकार किया, बल्कि सख्त लहजे में कहा—“अपने पैसे भूल जाओ.” युवती के मुताबिक, दीपक ने धमकी दी कि अगर उसने पैसे मांगना बंद नहीं किया, तो उसके साथ खिंचवाई गई निजी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा. इस धमकी से युवती मानसिक रूप से टूट गई और आखिरकार पुलिस की शरण में पहुंची.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
रामनगर थाना प्रभारी दुर्गा सिंह ने घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर तीनों आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक न्यासभंग), 420 (ठगी), 467, 468, 471 (फर्जी दस्तावेज बनाना व प्रयोग करना) और 506 (धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. थाना प्रभारी ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है. आरोपियों की तलाश में पुलिस की विशेष टीम गठित कर दी गई है और जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
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समाज के लिए सीख
यह मामला एक बार फिर सबक देता है कि सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देने वाले दलालों और फर्जी अधिकारियों से बचना बेहद जरूरी है. नौकरी केवल पारदर्शी चयन प्रक्रिया और आधिकारिक भर्ती माध्यमों से ही संभव है.

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