
वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 43वां दीक्षांत समारोह 8 अक्टूबर को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा. इसी बीच उससे पहले विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार को अनोखा विरोध प्रदर्शन कर आईना दिखाने का काम किया. छात्र नेता हर्षित तिवारी के नेतृत्व में मानविकी संकाय के पार्क में जमा बरसाती पानी में छात्रों ने धान की रोपाई कर भ्रष्टाचार और लापरवाही का मुद्दा उठाया.
छात्रों का कहना है कि पिछले वर्ष राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के लिए सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए ढाई करोड़ रुपये पास किए थे. लेकिन यह परियोजना कागजों तक ही सीमित रह गई. नतीजा यह हुआ कि तीन दिन की बारिश के बाद भी मानविकी संकाय परिसर पानी में डूबा हुआ है.
हर्षित तिवारी ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एसटीपी का पैसा दुरुपयोग किया. “ढाई करोड़ रुपये से सिर्फ एक टंकी बना दी गई, जबकि समस्या जस की तस है. इसी का उदाहरण आज यहां लगा बरसाती पानी है. इसलिए हमने यहां धान रोपकर भ्रष्टाचार का विरोध किया है, छात्रों ने साथ ही दीक्षांत समारोह का रुद्राक्ष में आयोजन किए जाने पर भी आपत्ति जताई. छात्रों का आरोप है कि समारोह विश्वविद्यालय परिसर में न कराकर रुद्राक्ष में इसलिए किया जा रहा है ताकि राज्यपाल और उच्च शिक्षा मंत्री को यहां की अव्यवस्थाएं और भ्रष्टाचार न दिखे. छात्रों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.




