
Donald Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से टैरिफ को लेकर एक बड़ा बम फोड़ा है. ट्रंप का ये टैरिफ बम मानों खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, इस बार तो उन्होंने हद पार कर दी. जी हां, दिवाली के पटाखों से पहले ही वो टैरिफ बम फोड़ने का काम कर बैठे हैं. अमेरिका फर्स्ट का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अब नए टैरिफ का ऐलान कर हर किसी के होश उड़ा दिये हैं. बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 1 नवंबर से सभी इम्पोर्टेड ट्रकों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. इस घोषणा के पीछे उनका कहना है कि अमेरिका को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए वो टैरिफ लगा रहे हैं.

ट्रकों पर टैरिफ लगाने को लेकर ट्रंप का कहना है कि, उनके इस फैसले से अमेरिकी कंपनियों को फायदा होगा. ट्रंप के इस फैसले का डिलीवरी ट्रक, कचरा ट्रक, ट्रांजिट, शटल, स्कूल बसें और ट्रैक्टर-ट्रेलर, ट्रक समेत कई हेवी-ड्यूटी व्यावसायिक वाहनों के आयातों पर असर पड़ेगा, जिसके चलेत ये सभी 1 नवंबर से महंगे हो जाएंगे. माना जा रहा है कि ट्रंप अमेरिकी प्रोडक्ट्स में इजाफा पाने के लिए आयात पर टैरिफ बढ़ाने का काम कर रहे हैं. ये वहीं ट्रंप है जिन्होंने अमेरिका की सत्ता संभालते ही एक से बढ़कर एक ऐलान करते आ रहे हैं.

अपने इस टैरिफ बम को लेकर डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से ये दावा कर कहा कि भारत और पाकिस्तान का ही नहीं, बल्कि विश्व के सात देशों के बीच जारी संघर्ष को भी उन्होंने समाप्त कराया है. अपनी हरकतों से बाज ना आने वाले ट्रंप बार-बार सीज फायर का क्रेडिट लेने की फिराक में रहते हैं. जिस पर भारत ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए ट्रंप की बोलती बंद करा दी और ये साफ कर दिया कि, इस मामले में किसी तीसरे मध्यस्थता की कोई भी गुंजाइश नहीं है.

इस ढ़कोसले भरे दावे के बीच डोनाल्ड ट्रंप से टैरिफ के बारे में पूछा गया, जिसके जवाब में कड़ा रूख अपनाते हुए उन्होंने कहा कि अगर मेरे पास टैरिफ लगाने का अधिकार नहीं होता, तो सात में से कम से कम चार युद्ध चल ही रहे होते. इसका नतीजा 'आप भारत और पाकिस्तान को लेकर देखें तो खुद पर खुद समझ आएगा कि वे दोनों देश युद्ध के लिए एक दूजे को ललकार रहे थे, जिसके चलते तबाही का मंजर तक देखने को मिला था. हालांकि, मैं खुलकर नहीं बताना चाहता हूं कि मैंने क्या कहा, लेकिन जो कहा वो बहुत ही प्रभावशाली था.

इन दो देशों के बीच हुए युद्ध में अगर मैंने सीजफायर का ऐलान नहीं किया होता तो शायद आज पाकिस्तान पूरी तरीके से खत्म हो गया होता. इन बयानों के आगे ट्रंप ने कहा कि ट्रेड धमकी का इस्तेमाल करके पड़ोसी परमाणु शक्ति संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने ही शांति समझौता कराया है, ऐसे में ये कहना जरा भी गलत नहीं होगा कि टैरिफ ही इस युद्ध को रुकवाने का एक बड़ा कारण बन सका है. क्योंकि इसी टैरिफ की वजह से ही आज अमेरिका शांति दूत बनकर उभरा है. जिससे वॉशिंगटन को सैकड़ों अरब डॉलर की कमाई का मुनाफा भी हुआ है.

आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप का क्रेडिट लेने का रवैया कोई पहली बार नहीं है, बल्कि इसके पहले भी उन्होंने इस तरह का रवैया अपनाया है. इसके लिए उन्हें भारत से मुंहतोड़ जवाब भी मिल चुका है. गौरतलब है कि बीते 10 मई 2025 को जब ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि वाशिंगटन की मध्यस्थता में रात भर चली लंबी बातचीत के बाद भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं, तब से लेकर आज तक वो यहीं रट लगा बैठे है कि उनकी ही देन है कि दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव थम सा गया है.




