वाराणसी: दशाश्वमेध घाट गुरुवार की शाम एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है. शाम मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम स्वामी विवेकानंद क्रूज से यहां होने वाली विश्वप्रसिद्ध गंगा आरती को देखेंगे. यह तीसरी बार होगा, कि किसी देश के सर्वोच्च नेता गंगा आरती देखने के लिए अपना समय निकाल रहे हैं. इसके पहले फ्रांस के राष्ट्रपित इमैनुएल मैक्रों और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने गंगा आरती देखी थी. शिंजो अबे तो काफी देर तक पीएम मोदी संग घाट किनारे बैठ कर यहां पर आध्यात्म को भी महसूस किया था. वैसे यह पहली बार होगा कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री के गंगा आरती देखने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी साथ में नहीं होंगे. इसके स्थान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री उनका स्थान लेंगे.
बता दें कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम बुधवार से तीन दिन के लिए बनारस दौरे पर हैं. ताज होटल में गुरुवार को पीएम मोदी संग द्वपक्षीय वार्ता कर वह शाम को गंगा आरती देखने जाएंगे. वहीं शुक्रवार की सुबह वह श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के चरणों में शीश नवाएंगे. गंगा आरती के मद्देनजर प्रशासन ने विशेष तरह की तैयारियां की हैं ताकि क्रूज पर सवार प्रधानमंत्री को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े.
गंगा आरती देखने के लिए क्रूज को वहां पहुंचाने के लिए रस्सियों और अस्थाई नावों संग स्टीमरों का सहारा लिया गया है, ताकि कोई बाधा न आए. सुरक्षा के मद्देनजर भी जल पुलिस, पीएसी के तैराक संग गश्ती स्टीमर इस दौरान गंगा में लगातार चक्रमण करते रहेंगे. अधिकारियों ने इन सारी तैयारियों का जायजा बुधवार को लेकर अधीनस्थों को दिशा निर्देश भी दिए.
बता दें कि मॉरीशस में बड़ी संख्या में भारतवंशी रहते हैं जिनके लिए गंगा केवल एक नदी नहीं बल्कि अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों से जुड़ाव का प्रतीक है. वहां के प्रधानमंत्री द्वारा गंगा आरती में शामिल होना दोनों देशों के बीच विशेष संबंध स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा. दूसरी ओर प्रदेश सरकार संग स्थानीय प्रशासन का मानना है कि मारीशस के प्रधानमंत्री के इस दौरे का देशी व विदेशी मीडिया में गंगा आरती और वाराणसी की छवि को विशेष स्थान मिलेगा. इससे न केवल पर्यटन को गति मिलेगी बल्कि काशी की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी.