
वाराणसीः ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ पिछले कई वर्षों से लगातार अभियान चला रही राष्ट्रीय संस्था 'सत्या फाउण्डेशन' का एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमीश्नर मोहित अग्रवाल को ज्ञापन देकर मांग उठाई कि सभी थानों और पुलिस चौकियों को डेसीबल मीटर प्रदान किया जाए. संस्था के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय ने सीपी से कहा कि अगर ऐसा हुआ तो पूरे उत्तर प्रदेश में वाराणसी ऐसा पहला जिला बन जाएगा जहां के सभी थानों और चौकियों के पास डेसीबल मीटर उपलब्ध होगा.
क्या होगा डेसीबल मीटर का फायदा ?
गौरतलब है कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे की बीच साउंड को पूरी तरह से स्विच ऑफ करने का प्रावधान है. इसका उल्लघंन करने पर साउंड सिस्टम को सीज करने और मुकदमा करने के लिए किसी डेसीबल मीटर की कोई आवश्यकता नहीं है. दूसरी ओर दिन के लिए भी डेसीबल की ऊपरी सीमा तय है और इसका उल्लंघन करने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. तेज कंपन से कहीं घर की पुरानी दीवार गिर जाती है तो कहीं लोगों को हार्ट अटैक आ जाता है. वैसे तो आजकल, दिन के दौरान भी तेज ध्वनि की शिकायत मिलने पर पुलिस मौके पर जाती है, मगर डेसीबल मीटर के अभाव में कई बार कानूनी कार्रवाई नहीं कर पाती. डेसीबल मीटर होने से दिन के दौरान भी तेज आवाज पर रोकथाम और प्रभावी कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी.
प्रभावी नियंत्रण के लिए रखा ये मांगें
1- रात्रि 10:00 बजे के बाद पुलिस द्वारा ध्वनि प्रदूषण को बंद कराने के बावजूद, कुछ 'मजबूत' लोग दोबारा से ध्वनि प्रदूषण करना शुरू कर दे रहे हैं जो कि सीधे-सीधे देश के कानून और पुलिस के इकबाल को चुनौती देने जैसा है और इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि लोगों को यह लगता है कि इसमें कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी. अतः यह आवश्यक है कि रात 10 बजे के बाद पुलिस टीमें गठित करके इलाकेवार पुलिस द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए, साउंड सिस्टम को ज़ब्त करके पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के तहत मुकदमा करने के कार्य को मिशन मोड में किया जाए.
2- कतिपय लोग मांगलिक और धार्मिक कार्यक्रमों में, कथित तौर पर 'धीमी आवाज' में साउंड सिस्टम को बजाने की अलिखित अनुमति दे देते हैं. जबकि रात 10 से सुबह 6 बजे तक साउंड को 100% स्विच आफ करने का नियम है. इसलिए 112 नंबर की पुलिस और सभी थानों से जुड़े पुलिस बल को यह लिखित रूप में ताकीद की जाए कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच, चाहे शादी-विवाह या धार्मिक पाठ का कार्यक्रम ही क्यों ना हो, साउंड को 100% स्विच आफ रहेगा. साथ ही इस आदेश को न मनवाने वालों पर भी विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.




