
वाराणसी : मिशन शक्ति फेज 5.0 के तहत मंगलवार का दिन जिले की छात्राओं के लिए बेहद खास रहा. आत्मनिर्भरता और नेतृत्व क्षमता का संदेश देने वाले इस अभियान में वाराणसी के कई विद्यालयों में मेधावी छात्राओं को जिम्मेदारी सौंपी गई. किसी ने प्रधानाध्यापिका की कुर्सी संभाली तो किसी ने खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बनकर नेतृत्व किया. कंपोजिट स्कूल आशापुर में कक्षा सात की छात्रा प्रियांशी पांडेय को एक दिन की प्रधानाध्यापिका बनाया गया। प्रियांशी ने पूरे आत्मविश्वास के साथ दिनभर शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराई, विद्यार्थियों से संवाद किया और स्कूल संचालन की जिम्मेदारी निभाई. प्रियांशी ने कहा कि यह अनुभव उनके लिए जीवनभर यादगार रहेगा और आगे चलकर वह शिक्षण सेवा में ही योगदान देना चाहेंगी.
इसी क्रम में सारनाथ ब्लॉक के चिरईगांव क्षेत्र की छात्रा भारती कुमारी को खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला. भारती ने पूरे दिन कार्यालयी कार्यों का निरीक्षण किया और अधिकारियों की तरह जिम्मेदारियां संभालीं. उन्होंने शिक्षकों से संवाद कर उपस्थिति, पठन-पाठन और छात्र-छात्राओं की प्रगति पर जानकारी ली. बीईओ कार्यालय का पूरा स्टाफ उनकी इस भूमिका को देखकर उत्साहित नजर आया.
अभियान के दौरान अन्य विद्यालयों की पावर एंजल और मेधावी छात्राओं ने भी प्रधानाध्यापिका, शिक्षक और अन्य जिम्मेदार पदों पर अपनी कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया. इसका उद्देश्य यह था कि छात्राओं में आत्मविश्वास जगे और वे समाज में नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए खुद को तैयार करें.
कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों ने कहा कि यह पहल छात्राओं को न केवल प्रेरित करेगी बल्कि उन्हें यह भी समझाएगी कि यदि वे ठान लें तो हर क्षेत्र में नेतृत्व कर सकती हैं. मिशन शक्ति का यह अनोखा आयोजन लड़कियों के आत्मविश्वास और भविष्य की नींव को मजबूत करने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हुआ है.





