
वाराणसीः जाम की आए दिन की समस्या ने निजात दिलाने तथा आगागमन सुलभ बनाने के क्रम में इन दिनों कचहरी से संदहा तक फोर लेन बनाने का कार्य जोर-शोर से जारी है. इस क्रम में रविवार को पुलिस लाइन के समीप मुस्लिम बाहुल्य इलाके पक्की बाजार में सरकार का बुलडोजर जमकर गरजा. स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद भारी फोर्स की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी है. बुलडोजर की जद में आए कई दुकानों व मकानों को जमींदोज करने में कर्मचारी जुटे हुए हैं. किसी भी स्थिति से निबटने के लिए तीन थानों की फोर्स संग भारी संख्या में पैरामिलेट्री के जवान और पीडब्लूडी के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद हैं. इस कार्रवाई की जद में पक्की बाजार लबे सड़क स्थित हाकी के महान खिलाड़ी पद्मश्री मो. शाहिद के मकान को भी गिरा दिया गया. मरहूम मो. शाहिद के इस मकान को बचाने के लिए सरकार से अपील की गई थी कि इसे राष्ट्रीय स्मारक के रूप में तब्दील कर दिया जाए.

एक माह पहले ही दे दी गई थी सूचना
इसक पूर्व पक्की बाजार में सुबह उस समय हलचल दिखने लगी जब एक के बाद पुलिस कर्मियों की चहलकदमी एकाएक यहां बढ़ गई. इसके बाद यातायात पुलिस संग स्थानीय पुलिस के जवानों ने दर्जनों अस्थायी बैरिकेड लगाकर पक्की बाजार तथा कचहरी चौराहे पर यातायात रोक दिया. इसके चलते कचहरी से पक्की बाजार तक वाहनों का आवागमन ठप पड़ गया. इस बीच एक के बाद एक तीन बुलडोजर मौके पर पहुंचे. इस बीच स्थानीय लोगों समेत दुकानदारों में बुलडोडर के गरजने की आशंका जताने लगी. मौके पर पहले से दुकानों व मकानों में निशान लगाए कर्मचारियों से हरी झंडी मिलते ही बुलडोर दुकान व मकानों पर चलने लगे. बुलडोजर की जद में आए लोगों द्वारा अवकाश का दिन होने का हवाला देकर समय दिए जाने की मांग पर अधिकारी मुकर गए.लोगों से साफ-साफ कहा गया कि मार्ग चौड़ीकरण की जद में आए दुकानों व मकान मालिकों को जहां मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है और स्वयं से अपने मकान व दुकान को तोड़ने के लिए एक माह की मोहबलत भी दी गई। इसके बावजूद कई लोगों ने इसे नजर अंदाज कर दिया.

पुलिस कर्मियों से हुई तकरार
पक्की बाजार स्थित मस्जिद के बाहर दुकानों को तोड़ने के दौरान उस समय माहौल गर्मा गया जब कुछ लोगों ने बुलडोजर कारवाई का विरोध शुरु कर दिया. मौके पर मौजूद कैंट इंस्पेक्टर द्वारा इन्हें हट जाने की चेतावनी देने के साथ मौके से खदेड़ दिया गया. बातचीत के दौरान पुलिस ने कहा कि एक माह पूर्व यह कार्रवाई शुरू की गई थी लेकिन समय मांगे जाने पर उनकी बात मान ली गई थी. अब जब समय सीमा समाप्त हो गई है तो कार्रवाई होगी. कहा गया कि लोग अपने अधिकार को लेकर सड़क पर उतर जा रहे हैं लेकिन उनके कर्तव्य क्या है उसके बारे में वे सुनना ही नहीं चाह रहे हैं. इसके बावजूद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चा व्याप्त है.





