वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख स्टेशनों में गिना जाता है. सालाना 743 करोड़ रुपये की आय देने वाला यह स्टेशन अब एनएसजी-1 कैटेगरी में शामिल हो चुका है. यहां से रोजाना 112 जोड़ी ट्रेनें गुजरती हैं और करीब एक लाख यात्री सफर करते हैं. बावजूद इसके, स्टेशन पर यात्रियों को एक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
स्टेशन के कुल 11 प्लेटफार्म हैं, लेकिन इनमें से छह प्लेटफार्म (3-5, 6-7 और 10-11 नंबर) पर अब तक कोच डिस्प्ले सिस्टम नहीं लगाया गया है. नतीजा यह है कि ट्रेन आते ही यात्रियों को अपना कोच ढूंढने के लिए प्लेटफार्म पर दौड़ लगानी पड़ती है.
नोएडा में एमबीए कर रहे राज गुप्ता ने बताया कि हर बार ट्रेन पकड़ने के लिए कैंट स्टेशन आने पर सबसे बड़ी दिक्कत यही होती है कि कोच डिस्प्ले न होने से कोच कहां मिलेगा, इसकी जानकारी समय रहते नहीं हो पाती.
इसी तरह अमित कुमार पाठक का कहना है कि प्लेटफार्म नंबर 6-7 से ट्रेन पकड़ने के दौरान अक्सर भारी परेशानी होती है. ट्रेन आते ही यात्रियों में कोच तक पहुंचने के लिए अफरा-तफरी मच जाती है.
स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता के मुताबिक यात्रियों की सुविधा को देखते हुए इन प्लेटफार्मों पर कोच डिस्प्ले बोर्ड लगाने का प्रस्ताव रेल मंत्रालय को भेजा गया है. मंजूरी मिलते ही यहां पर यह सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी.