
वाराणसी - अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर के मुख्य शिखर पर दिव्य धर्म ध्वजारोहण के पुनीत अवसर पर काशी में मंगलवार को उत्सव का माहौल रहा. नमामि गंगे ने सिद्धेश्वरी परिसर में भव्य हवन-पूजन का आयोजन किया. इस दौरान आत्मनिर्भर एवं विकसित भारत के लिए मंगल कामना की गई; कार्यक्रम में महर्षि योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के वेदपाठी बटुकों ने मंत्रोच्चार के साथ हवन कराया. उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने प्रभु श्री राम का गुणगान करते हुए केसरिया ध्वज के आरोहण को सनातन धर्म की जीवंत परंपरा का प्रतीक बताया. वहीं हिंदुओं संग मुस्लिम महिलाओं ने भी श्रीराम की आरती उतारी.
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक एवं नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने कहा, “राम मंदिर का निर्माण केवल एक भव्य इमारत नहीं, बल्कि पांच सदी के संघर्ष, कारसेवकों के बलिदान और करोड़ों सनातनियों की आस्था का साकार रूप है. मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज का फहराया जाना मंदिर की पूर्णता के साथ-साथ यह संदेश भी देता है कि रामायण काल से चली आ रही सनातनी परंपराएं आज भी पूरे वैभव के साथ जीवंत हैं.” उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ध्वजारोहण का यह पल राष्ट्र की आत्मा में बसे धर्म के पुनर्जागरण का दूसरा सबसे बड़ा अध्याय है. यह दिन भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने की प्रेरणा भी देता है.

आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और सभी ने एक स्वर से “जय श्री राम” के जयघोष से परिसर को गुंजायमान कर दिया. कार्यक्रम में महर्षि योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के वेदपाठी बटुकों ने मंत्रोच्चार के साथ हवन कराया. उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने प्रभु श्री राम का गुणगान करते हुए भगवा ध्वज के आरोहण को सनातन धर्म की जीवंत परंपरा का प्रतीक बताया.
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक एवं नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला ने कहा, “राम मंदिर का निर्माण केवल एक भव्य इमारत नहीं, बल्कि पांच सदी के संघर्ष, कारसेवकों के बलिदान और करोड़ों सनातनियों की आस्था का साकार रूप है. मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज का फहराया जाना मंदिर की पूर्णता के साथ-साथ यह संदेश भी देता है कि रामायण काल से चली आ रही सनातनी परंपराएं आज भी पूरे वैभव के साथ जीवंत हैं.” आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और सभी ने एक स्वर से “जय श्री राम” के जयघोष से परिसर को गुंजायमान कर दिया.
श्रीसंकटमोचन मंदिर प्रांगण में श्रीरामविवाह पंचमी महोत्सव के पावन अवसर पर मंगलवार से तीन दिसंबर तक तक प्रातः आठ बजे से 12 बजे तक 111 ब्राह्मणों द्वारा मानस नवाह्न पाठ यज्ञ एवं सायंकाल पांच बजे से रात्रि 10 बजे तक मानस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. मानस सम्मेलन में स्थानीय एवं बाहर से आए सुप्रसिद्ध मानस मर्मज्ञ व्यासों की कथा होगी. चार एवं पांच दिसंबर को दो दिवसीय भजन सम्मेलन होगा, जिसमें देश के ख्यातिलब्ध गायक कलाकार शाम सात बजे से रात 10 बजे तक भजनों की प्रस्तुति देंगे;




