
वाराणसी - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार की सुबह श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में दर्शन पूजन किया. इसके बाद बाबा कालभैरव के दर्शन कर मंगल कामना की. तत्पश्चात सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने बनारस रेलवे स्टेशन और बरेका का भी निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी के आगमन रूट, मंच, ट्रेनों की रवानगी, सुरक्षा व्यवस्था और संबोधन स्थल की समीक्षा की. उन्होंने मौके पर मौजूद रेल प्रशासन, पुलिस और जिला अधिकारियों को सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय वाराणसी प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार की सुबह बाबा काल भैरव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने शहर के कोतवाल माने जाने वाले भगवान काल भैरव का विधिवत दर्शन-पूजन किया. मंदिर में पूजा अर्चना के बाद मुख्यमंत्री सीधे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने षोडशोपचार विधि से बाबा विश्वनाथ का पूजन-अर्चन किया और देश एवं प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि, कल्याण तथा शांति की कामना की. पूजन के दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ ने 'हर हर महादेव' के जयकारों से वातावरण को गूंजायमान कर दिया. मुख्यमंत्री ने विधिवत अभिषेक के बाद गर्भगृह में विशेष पूजा संपन्न की.

संतों से की मुलाकात
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम पहुंचे. वहां उन्होंने आश्रम परिसर स्थित शिव मंदिर में दर्शन-पूजन किया और सतुआ बाबा के शिष्य महंत संतोष दास जी महाराज से भेंट की. मुख्यमंत्री ने संतों का आशीर्वाद लिया और वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में शांति एवं समृद्धि की प्रार्थना की. इस अवसर पर राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव तथा सुशील सिंह भी मौजूद रहे. रेलवे स्टेशन पर तैयारियों का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री सर्किट हाउस पहुंचे, जहां उन्होंने अधिकारियों से फीडबैक लिया और कुछ देर विश्राम किया. बाद में सड़क मार्ग से बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए और वहां से राजकीय विमान से दरभंगा एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान किया.
बता दें कि मुख्यमंत्री बुधवार की शाम वाराणसी पहुंचे थे. आगमन के बाद उन्होंने नमो घाट पर दीप प्रज्ज्वलित कर देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ किया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने क्रूज से गंगा तटों पर जलते दीपों के मनमोहक और भव्य दृश्य का अवलोकन किया. देव दीपावली के अवसर पर उन्होंने कहा कि काशी आज आस्था, संस्कृति और अध्यात्म का जीवंत प्रतीक बन चुकी है.




