
वाराणसी - कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कफ सिरप प्रकरण को लेकर सरकार को घेरा है. बुधवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने लहुराबीर स्थित अपने कैंप कार्यालय पर प्रेस वार्ता में सवाल उठाया कि अब जीरो टालरेंस नीति कहां गई. आरोप लगाया कि ड्रग लाइसेंस जारी करने वाला मास्टर माइंड सरकारी अधिकारी नरेश मोहन है, इसकी जांच हो. इस मामले में एसआईटी नहीं बल्कि न्यायिक जांच कराई जाए. इस प्रकरण से जुड़े लोगों की संपत्ति की जांच हो. कारण यह कि इस मामले में कई राजनेता भी शामिल हैं, जांच होगी तो सामने सब आ जाएंगे. ड्रग माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. एसआईआर सिर्फ भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है. बीएलओ पर दबाव बनाकर गैर भाजपाई वोटरों का नाम हटाने की कोशिश की जा रही है. बीएलओ दबाव में आत्महत्या कर रहे हैं. दालमंडी में जबरन लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने तमाम प्रकरणों का जिक्र कर सरकार को कटघरे में खडा किया है. जहरीली कफ सिरप का नेटवर्क जिस तरह फल-फूल रहा है, यह केवल कानून-व्यवस्था की नाकामी नहीं—यह डबल इंजन की सरकार की सीधी असफलता और सत्ता संरक्षण का गंदा चेहरा है. कफ सिरप मामले में आरोपित शुभम जायसवाल का पूरा नाम, पिता का नाम और पता मौजूद हैं. लेकिन 19 नवम्बर को दर्ज एफआईआर में उसी आरोपी शुभम जायसवाल के पिता का नाम और घर का पता गायब कर दिया जाता है. यह साफ़ संकेत है कि इस अवैध कारोबार को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है और सत्ता मशीनरी आरोपियों को बचाने में लगी है.
कांग्रेस की मांग
1. सभी मुख्य आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो
2. मामले की न्यायिक जाँच हो
3. माफियाओं की अवैध संपत्तियों की कुर्की
4. राजनीतिक संरक्षण की जांच
5. स्वास्थ्य मंत्रालय व यूपी सरकार से NHRC को पूरी रिपोर्ट सौंपने की बाध्यता
एसआईआर पर उठाए सवाल
अजय राय ने कहा कि इस समय एसआईआर सिस्टम BLO कर्मचारियों की मौत का कारण बना हुआ है. यह वोट चोरी मॉडल है जिसके सीधे जिम्मेदार मोदी और ज्ञानेश कुमार हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक बीएलओ कर्मचारियों की आत्महत्याएँ और संदिग्ध मौतें यह साबित करती हैं कि मोदी सरकार का नया एसआईआर सिस्टम वोट मैनेजमेंट नहीं, बल्कि वोट चोरी माडल है. जनता की जान की कीमत पर चुनाव कराने का यह मॉडल लोकतंत्र की हत्या है. लखनऊ में बीएलओ विजय कुमार वर्मा की ब्रेन हैमरेज से मौत, जिनके परिजनों से हम मिल चुके हैं. हम माँग करते है की उच्च स्तरीय जाँच करके आरोपित अधिकारियों पर कडी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और मृतक बीएलवो के परिजनों को तत्काल प्रभाव से एक - एक करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी मुहैया कराई जाए.




