
वाराणसी - पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल ने कैम्प कार्यालय पर जनसुनवाई समाधान प्रणाली आइजीआरएस की मंगलवार को समीक्षा की. इस समीक्षा के दौरान आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त प्रार्थना पत्रों और संदर्भों के निस्तारण, जांच की प्रगति तथा शासन स्तर से प्राप्त फीडबैक का गहन विश्लेषण किया.
समीक्षा के दौरान तथ्य सामने आया कि अक्टूबर माह की रैंकिंग में कई शिकायतों के मामले में जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं से संपर्क नहीं किया. इन उप निरीक्षकों ने पांच से अधिक मामलों में वादी से वार्ता किए बिना ही रिपोर्ट अपलोड कर दी, जिसके परिणामस्वरूप वादी/शिकायतकर्ताओं की ओर से नकरात्मक फीडबैक प्राप्त हुई. इस स्थिति ने जिले की आईजीआरएस रैंकिंग को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. पुलिस आयुक्त ने इस आचरण को अत्यंत आपत्तिजनक और कर्तव्यहीनता की श्रेणी में रखा. जनपद में ऐसे कुल 25 उप निरीक्षकों को चिन्हित किया गया है, जिनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
शिकायतों के निस्तारण में बरतें पारदर्शिता
इस प्रकार की कार्रवाई ने स्पष्ट किया है कि पुलिस प्रशासन शिकायतों के निस्तारण को लेकर गंभीर है. पुलिस आयुक्त ने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता और तत्परता बरतें, ताकि जनता का विश्वास कायम रहे.
इस समीक्षा से उन्होंने विभाग मे यह संदेश भी दिया कि लापरवाही से पुलिस की खराब होती छवि पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. बताया कि पुलिस विभाग अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग है और जनहित में कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है.




