
वाराणसी - देव दीपावली पर कशी के अर्धचंद्राकार गंगा घाटों पर देश विदेश से उमड़ने वाली भीड़ की सुरक्षा जल, थल और नभ से भी होगी. भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा की दिशा में एआई तकनीक आधारित सिस्टम और ड्रोन कैमरे से निगरानी होगी. शहर भर में 2576 कैमरों से 24 घंटे निगरानी होगी. इसे काशी इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से लगातार मॉनिटर किया जाएगा.
गंगा की लहरों पर जल पुलिस, एनडीआरएफ, पीएसी के गोताखोरों की ओर से निगरानी और दशाश्वमेध, गोदौलिया, अस्सी घाट पर ‘टीथर्ड ड्रोन’ की विशेष तैनाती की जाएगी. ये ड्रोन 400 मीटर की ऊंचाई से 4 किलोमीटर के दायरे में 24 घंटे निगरानी कर सकेंगे. गंगा घाटों पर पुलिस, पीएसी मुस्तैद होगी. कमिश्नरेट की सीमाओं पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे और प्रमुख चौराहों पर फेस रिकग्निशन कैमरे लगाए गए हैं. अपराधियों और संदिग्धों का डाटा सिस्टम में फीड है.

‘टीथर्ड ड्रोन’ से निगरानी
डीसीपी क्राइम सरवणन टी ने बताया कि सुरक्षा के लिए एआई तकनीक आधारित सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है. दो स्थानों गोदौलिया और अस्सी घाट पर ‘टीथर्ड ड्रोन’ की विशेष तैनाती की जाएगी. ये ड्रोन 400 मीटर की ऊंचाई से 4 किलोमीटर के दायरे में 24 घंटे निगरानी कर सकेंगे. ये ऐसे व्यक्तियों की पहचान भी करेंगे जो लंबे समय तक किसी एक स्थान पर खड़े रहेंगे या संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त दिखेंगे.

बिना अनुमति नहीं उड़ा सकेंगे ड्रोन
डीसीपी क्राइम ने बताया कि गंगा घाटों पर बिना अनुमति कोई भी ड्रोन नहीं उड़ा सकेगा. ऐसा करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी. पुलिस के ड्रोन इसकी निगरानी भी करेंगे. घाट किनारे जुड़े संबंधित थाना प्रभारियों को भी इस दिशा में निर्देशित किया गया है कि बिना अनुमति किसी का भी ड्रोन नहीं उड़ना चाहिए. सुरक्षा के लिए घाटों को दस जोन, 21 सेक्टर, 36 सब सेक्टर में बांटा गया है. सबसे अधिक भीड़ वाले घाटों को चिह्नित किया गया है. इनमें असि घाट, दशाश्वमेध, चेत सिंह घाट, नमो घाट, राजघाट हैं जिनकी सुरक्षा का विशेष इंतजाम किया गया है. घाटों पर क्यूआरटी की 20 व एंटी रोमियो की 21 टीम तैनात रहेगी.




